तेजस्वी की पढ़ाई पर पीके ने ली चुटकी
मोदी-राहुल पर भी बोले
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
पटना(न्यूज ब्यूरो)।जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर ने फिर बिहार के डिप्टी सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की पढ़ाई पर चुटकी ली है। कहा है कि जितनी पढ़ाई करेंगे उतना ही ना समझ में आएगा। तेजस्वी यादव के नौकरी और विकास के दावे पर पीके ने तंज कसा है। कहा है कि बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा, गरीब और अशिक्षित राज्य है। उन्होंने महागठबंधन सरकार में बिहार के विकास और रोजगार के दावों पर भी सवाल खड़ा कर दिया।प्रशांत किशोर ने कहा है कि तेजस्वी यादव अक्सर दावा करते है कि बिहार में छह महीने में युवाओं को 10 लाख नौकरी दे दी गई और राज्य में बहुत ही तेजी से विकास हो रहा है। तेजस्वी के इस दावे की पोल खोलते हुएजन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की जितनी विद्वता है और जितनी समझ है उतना ही बोलेंगे। जिस आदमी को यही नहीं पता है कि जीडीपी होता क्या है वह मंच पर खड़े होकर कैमरे के सामने कहता है कि देश में सबसे ज्यादा जीडीपी बिहार की है। यही होता है जब आपने पढ़ाई-लिखाई नहीं की और बोलने निकल गए। जिनकी खुद की समझ नहीं होगी तो ऐसे बिना सिर पैर की बात बोलेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जो दल या नेता सत्ता की कुर्सी पर बैठा रहता है वह यही दावा करता रहता है कि राज्य में बहुत विकास हो रहा है। लेकिन जैसे ही सत्ता से बाहर विपक्ष में आता है तो सरकार को कोसने लगता है कि राज्य में विकास का कोई काम अबतक नहीं हुआ। जिन नेताओं और दलों ने बिहार में शासन किया है, सबने अपने-अपने तरीके और दावे के अनुसार अच्छा काम किया। कांग्रेस कहती है कि अपने लगभग 45 सालों के शासन में बहुत अच्छा काम किया। लालू यादव के लोग भी कहते हैं कि 15 सालों के शासन में यहां के पिछड़े तबके के लोगों को समाजिक न्याय के नाम पर आवाज मिल गई, बल मिल गया। नीतीश कुमार कुमार भी कहते रहते हैं कि कितना काम करते रहते हैं। जब सबने अच्छा काम किया तो बिहार इतना पिछड़ कैसे गया। नीतीश कुमार के सामाजिक न्याय साथ विकास के नारे पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इन सारे लोगों के दावों को सही मान भी लिया जाय तो भी इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि बिहार आज भी देश का सबसे गरीब, सबसे पिछड़ा, सबसे ज्यादा अशिक्षित राज्य है जहां जनता देश में सबसे ज्यादा भुखमरी की शिकार है। ऐसे में तेजस्वी यादव, सुशील मोदी, राहुल गांधी या नरेंद्र मोदी ने क्या कहा, इस पर बात पर बहस का कोई मतलब ही नहीं है।