AMIT LEKH

Post: विशेष भागौलिक क्रिया के तहत सूर्य के सुखद उत्तरायण यात्रा का उत्सव के रूप में मनाई जाती है ‘मकर संक्रांति’ : गरिमा

विशेष भागौलिक क्रिया के तहत सूर्य के सुखद उत्तरायण यात्रा का उत्सव के रूप में मनाई जाती है ‘मकर संक्रांति’ : गरिमा

हमारे उप संपादक की कलम से :

मकर संक्रांति के अवसर पर उत्सव के रूप में किया गया नगर निगम महापौर की ओर से दही चूड़ा के सहभोज का आयोजन

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

– अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर दही चूड़ा के सहभोज का आयोजन किया गया।

फोटो : मोहन सिंह

नगर निगम के कार्यालय परिसर में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में नगर आयुक्त शंभू कुमार, विभिन्न वार्डों के नगर पार्षद, नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी के साथ जिला मुख्यालय में कार्यरत्त विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार और छायाकार शामिल रहे। इस मौके पर महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति पर्व मनाने का विशेष महत्व है। एक विशेष भागौलिक क्रिया के तहत मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की सुखद उत्तरायण यात्रा शुरू होती है। इसके प्रभाव से ही दिन बड़े और ठंड के रात की अवधि कम होती चली जाती है।

छाया : अमिट लेख

जिससे जन मानस को मिलने वाले राहत के उत्सव के रूप में मकर संक्रांति को लोहड़ी, खिचड़ी व पोंगल के नाम से मनाने की परंपरा है। महापौर ने यह भी बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति वह पहला दिन है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। यह दिन शीत ऋतु के अंत का भी प्रतीक है। यह त्योहार भगवान सूर्य की पूजा के साथ देशभर की पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य के लिए समर्पित माना जाता है। इस आयोजन में की नगर निगम के सभी कर्मचारीयों की भरपूर सहभागिता रही।

Recent Post