विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
दिल्ली से पटना तक परिक्रमा चालू, चाचा-भतीजा ने भी बढ़ा एनडीए का टेंशन
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में पार्टी के भावी लड़ाकों के नाम पर मंथन के साथ ही राजग प्रत्याशियों के बीच चुनावी तैयारियों को लेकर गहमागहमी बढ़ गई है। पर, टिकट को लेकर स्थिति 12 मार्च के बाद ही स्पष्ट होगी। इसके पीछे कई कारण हैं। पहला कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 11 मार्च तक विदेश दौरे पर रहना। दूसरा, भाजपा के सहयोगी दल लोजपा, हम एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ टिकट बंटवारा को लेकर अभी तक संयुक्त रूप से एक भी बैठक नहीं होना और तीसरा लोजपा में चाचा-भतीजे के बीच पसंदीदा सीटों को लेकर गुत्थी सुलझाने की चुनौती। सभी बिंदुओं पर समन्वय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को ही स्थापित करना है। इसी बीच राजग में सीट शेयरिंग को लेकर अंदर खाने खींचतान चरम पर है। उधर, भाजपा के वर्तमान सांसदों के साथ ही टिकट के लिए पटना से दिल्ली तक परिक्रमा कर रहे नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। इसके पीछे कारण यह है कि भाजपा के लोकसभा पर्यवेक्षकों की बैठक में नाम पर चर्चा की भनक समर्थकों को लग गई है। अब उत्साहित समर्थक क्षेत्र में कूच करने का दबाव बना रहे हैं। इधर, राज्य में लोकसभा की 40 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग की एकतरफा जीत हुई थी। राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के खाते में 39 सीटें गईं थीं। इसमें वर्तमान में भाजपा के खाते में 17, जदयू को 16 एवं छह सीटें लोजपा जीती थी। अब लोकसभा चुनाव के समय एक रही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अब दो हिस्से में बंट चुकी है। लोकसभा के रिकॉर्ड के अनुसार चिराग पासवान लोजपा (रा) के इकलौते सांसद हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा के पांच सांसद हैं। अब भाजपा के सामने राजग का मुखिया होने के नाते चाचा-भतीजे के बीच एका कराने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम एवं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा बीच टिकट बंटवारे का गणित हल करना है।