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Post: मुख्तार अंसारी की मौत को पप्पु यादव ने बताया हत्या

मुख्तार अंसारी की मौत को पप्पु यादव ने बताया हत्या

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने भी उठाया सवाल

यूपी से बिहार तक मुख्तार की मौत पर राजनीति तेज

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ब्यूरो रिपोर्ट)। जेल में बंद उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। अपराध और राजनीति की दुनिया का बड़े नाम रहे मुख्तार की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है। यूपी से बिहार तक इस पर राजनीति होने लगी है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्तार की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने जेल में जहर देने की शिकायत की थी, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया। वहीं, कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पप्यू यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत को ‘हत्या’ करार दिया है। तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, ‘यूपी से पूर्व विधायक मुख्तारअंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला। परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ये न्यायसंगत और मानवीय नहीं है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए विवादित टिप्पणी की। उन्होंने इसे संस्थानिक हत्या बताते हुए कहा कि यह कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है। पप्पू यादव ने लिखा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है।’ बांदा जेल में बंद माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि अंसारी को रात करीब साढ़े 8 बजे नाजुक हालत में अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान उसकी सेहत बिगड़ती चली गई और दिल का दौड़ा पड़ने से उसकी मौत हो गई। माफिया की मौत के बाद एहतियात के तौर पर बांदा,गाजीपुर और मऊ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। तीनों ही जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई। मुख्तार पिछले करीब ढाई साल से बांदा जेल में बंद था। उसके खिलाफ 64 से अधिक मुकदमे दर्ज है जिसमें से कुछ समय पहले एक में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। मेडिकल कालेज अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर मुख्तार की मौत की पुष्टि की है। अस्पताल की ओर से बताया गया कि 63 वर्षीय मुख्तार को रात 8 बजकर 25 मिनट पर उल्टी की शिकायत पर बेहोशी की हालत में लाया गया था। 8 डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरू किया मगर भरसक प्रयास के बावजूद दिल का दौड़ा पड़ने के कारण मरीज की मौत हो गई।

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