विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
सेक्युलरिज्म और अल्पसंख्यकों के साथ धोखाधड़ी राजद की फितरत
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा पीटने वाले और खुद को अल्पसंख्यकों का हिमायती बताने वाले राजद और उसके नेता तेजस्वी यादव की कलई खुल गई है। लगता है ईडी और सीबीआई के डर से तेजस्वी यादव भाजपा से अंदरूनी सांठ-गांठ कर चुके हैं और चालू संसदीय चुनाव में भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं। पुर्णिया की एक जनसभा में एनडीए को वोट देने की तेजस्वी की खुलेआम अपील इसका खुला प्रमाण है। उक्त बातें आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कही है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को भागलपुर संसदीय क्षेत्र की एक चुनावी जनसभा में तेजस्वी यादव का यह बयान कि दो धाराओं के बीच लड़ाई में यदि आप इण्डिया गठबंधन को नहीं चाहते हैं तो एनडीए गठबंधन को वोट दीजिए लेकिन किसी तीसरे को वोट नहीं दीजिए। तेजस्वी यादव का यह बयान हालांकि पूर्णिया में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव के खिलाफ दिया गया है किन्तु इस बयान का राजनीतिक निहितार्थ तो है ही। तेजस्वी का यह बयान उनके हताशा को दर्शाता है। पूर्णिया में निर्दलीय पप्पू यादव ने एनडीए और इण्डिया गठबंधनों के उम्मीदवारों को जबर्दस्त चुनौती खड़ी कर दी है और वहां सभी समीकरण टूटते- बिखरते दिख रहे हैं। राजद प्रत्याशी की संभावित करारी हार से बौखलाए तेजस्वी ने एनडीए के पक्ष में वोट करने की अपील कर न केवल मुस्लिम समुदाय के साथ धोखाधड़ी कर दी है वल्कि सभी सेकुलर मतदाताओं को बेवकूफ बना डाला है। श्री ठाकुर ने कहा कि उनकी इस हरकत से यह साबित हो रहा है कि भाजपा के साथ तेजस्वी यादव का अंदरूनी डिलींग हो चुकी है और राजद भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रही है। यह सब ईडी और सीबीआई को मैनेज करने के लिए हुआ है। इतना ही नहीं जिस तरह से हवा हवाई नेताओं को राजद ने टिकट दिया है और को गैर उपयोगी सीटें दी हैं तथा अल्पसंख्यकों को मात्र दो टिकट दिया है उससे भी यह साफ़ है कि राजद केवल सेक्युलरिज्म का दिखावा कर रही है और भाजपा को वाक्ओभर दे चुकी है। गौरतलब है कि इन सभी राजनीतिक दलों की अविस्वसनीयता और दोहरे चरित्र से बिहार के लोग परेशान है और जनसुराज के साथ तेज़ी से जुड़ रहे है। इन सभी दलों की दोहरी राजनीत का मुँह तोड़ जवाब बिहार की जनता जनसुराज के माध्यम से आगामी विधानसभा चुनाव में देने के लिये तैयार है।