विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
केंद्र की डबल इंजन सरकार ने बिहार में बाढ़ से निबटने के लिए पांच सदस्सीय कमेटी का गठन किया है, जो कल यानी 4 जुलाई को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को सौंप देगी
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। हर साल बाढ़ की विभिषिका झेलने वाले बिहार में अब जल्द ही यह समस्या समाप्त हो जाएगी। केंद्र की डबल इंजन सरकार ने बिहार में बाढ़ से निबटने के लिए पांच सदस्सीय कमेटी का गठन किया है, जो कल यानी 4 जुलाई को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को सौंप देगी। कमेटी के सुझाव पर सरकार जल्द ही इस दिशा में ठोस पहल करेगी।दरअसल, जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर इस समस्या को उनके समक्ष रखा था। जिसके बाद वित्त मंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पांच सदस्ययी कमेटी का गठन किया। यह कमेटी नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार में आने वाली बाढ़ के पानी के प्रबंधन का सुझाव केंद्र सरकार को देगी। राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा ने एक्स पर लिखा, ‘उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल! मुझे साझा करते हुए खुशी है कि बिहार के विकास तथा उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से विस्तृत चर्चा के बाद मैंने गत शुक्रवार (28 जून, 2024) को पूर्वाह्न में माननीया केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी, जो काफी सार्थक रही है’। उन्होंने लिखा, ‘मैं हृदय से धन्यवाद देना चाहूंगा माननीया वित्त मंत्री जी को, कि उन्होंने उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने से संबंधित मेरे सुझावों को काफी गंभीरता से सुना; और उसी दिन शाम में एक और उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई, जिसमें मुझे भी शामिल होने के लिए कहा। शाम की मीटिंग में माननीय केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए’। जेडीयू सांसद ने लिखा, ‘इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये और सभी ने मेरे सुझावों को गंभीरता से सुना’।संजय झा ने लिखा कि, ‘मैं आभारी हूं माननीया वित्त मंत्री जी का, कि उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी’। राज्यसभा सांसद ने लिखा कि, ‘केंद्रीय जल आयोग द्वारा उसी शाम पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया। समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (एलजीबीओ), पटना के मुख्य अभियंता श्री अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (जीएफसीसी) के डायरेक्टर श्री संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत बीसीडी के डायरेक्टर श्री एस के शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य, जबकि एलजीबीओ के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट कल तक सौंप देनी है’। अंत में उन्होंने लिखा कि, मुझे विश्वास है, एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी। हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है। वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा’।