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Post: ढ़ाई दशक से नही हुआ मेटेनेंस मगर फिर भी मुस्तैद खड़ा 150 साल पुराना गंडक पुल

ढ़ाई दशक से नही हुआ मेटेनेंस मगर फिर भी मुस्तैद खड़ा 150 साल पुराना गंडक पुल

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

हाजीपुर और सोनपुर के बीच नारायणी नदी के ऊपर आज भी अंग्रेजों के समय बना पुराना गंडक पुल सीना ताने खड़ा है

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। हाजीपुर और सोनपुर के बीच नारायणी नदी के ऊपर आज भी अंग्रेजों के समय बना पुराना गंडक पुल सीना ताने खड़ा है। इस रेल पुल को ब्रिटिश काल में 1873 के करीब गंडक नदी पर बनाया गया था।

पुराना गंडक पुल गुणवत्ता के मामले में 25-30 साल पहले बनाए गए नए गंडक पुल से आज भी बेहतर और मजबूत स्थिति में है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस पुल की पिछले ढाई दशक से मेंटनेंस तक नहीं कराई गई है। इस पुल की आयु समाप्त होने पर सरकार की ओर से इस पर भारी वाहनों के परिचालन रोक दिया गया था। बावजूद इसके इस पुल पर वाहनों का भारी दवाब रहता है। पाया नौ पर निर्मित और लोहे के बेसिक बिंब पर बना है। पुल 09 पाया पर निर्मित हैं। लोहे के बिंब पर पुल का बेसिक लोड है। मेंटेनेंस नहीं होने के बाद भी पुल मजबूती के साथ खड़ा है। लोगों के आने-जाने के लिए यह पुल सहायक बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस पुल का सरकार मेंटेनेंस कराती रहे तो यह नए पुलों की तुलना में काफी मजबूती के साथ खड़ा रहेगा। सेवानिवृत प्रोफेसर वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि यह पुल गुणवत्ता में नए पुलों के सामने एक मिसाल बनकर खड़ा है। सोनपुर और हाजीपुर को जोड़ने वाले अपने समय के इकलौते छोटी लाइन के रेल पुल के जरिए ही यातायात होता था। सरकार ने हाजीपुर और सोनपुर के बीच लगभग एक किमी की दूरी पर करीब 36 साल पहले नया पुल का निर्माण कराया था। इस नए पुल पर मेंनटेनेंस के अभाव में जगह-जगह पुल की रैलिंग टूट रही है। सड़कों पर गड्डे बन गए हैं। आजादी के तुरंत बाद रेलवे ने उसी पुल के बगल में नया रेल पुल का निर्माण कराया। इसके बाद गंडक पुल पर रेल (छोटी लाइन) का परिचालन बंद कर दिया। उसके बाद इस रेल पुल को सड़क पुल में परिवर्तन कर दिया गया। सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन इस शुरू हुआ। कई दशकों तक हाजीपुर-सोनपुर सहित उत्तर बिहार के छपरा, सीवान, गोपालगंज सहित पूरे क्षेत्र के लोगों को पैदल वाहनों के परिचालन के लिए यह एक मात्र पुल था। गंडक नदी पर बना पुराना गंडक पुल अपनी आयु समाप्ति के बाद भी हर साल हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के समय लगभग एक महीने तक तीर्थ यात्रियों और वाहनों का भारी दवाब झेलता आ रहा है। ज्यादतर लोगों इसी पुल से होकर आते-जाते हैं।

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