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बेगूसराय में दिनदहाड़े चार लोगो का अपहरण

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

अपहरणकर्ताओ ने युवक को उल्टा टांग कर पीटा,आठ लाख का फिरौती लेकर छोड़ा

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार के बेगूसराय में अपहरणकर्ताओं ने शनिवार को दिनदहाड़े हथियार के बल पर चार युवकों को अगवा कर लिया। पहले चारों को एक कमरे में बंद कर बंधक बनाया व मारपीट की। उसके बाद एक वाहन में बैठाकर रामदीरी गांव के एक केला बगान ले जाकर पेड़ से बांधकर उल्टा लटका दिया। उसके बाद लाठी-डंडे व रॉड से मारपीट करना शुरू कर दिया। साढ़े आठ लाख रुपये फिरौती लेने के बाद बदमाशों ने उन्हें अधमरी हालत में छोड़ा। यह मामला बिहार के बेगूसराय के रतनपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर मोहल्ले का है। वीरपुर पूर्वी के रौशन कुमार व रिक्की तथा बाद में वीरपुर के ही सरौंजा गांव के मो. जावेद व बिट्टू को मारपीट कर जख्मी कर छोड़ दिया। घायलों में बदमाशों का इतना खौफ था कि वह डर से कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं थे। जख्मी ने सदर अस्पताल में अपना इलाज कराया और दहशत के बीच ही अपने घर लौट गये। बाद में जख्मी मो. जावेद ने बताया कि बदमाशों ने रौशन कुमार को फोन से कॉल करके बुलाया।

रौशन चार चक्का वाहन से मित्र का हवाला देकर अपने साथ रतनपुर ले आया। रतनपुर आते ही आधा दर्जन बदमाशों ने सबसे पहले रौशन व रिक्की के साथ उसे भी पकड़कर एक कमरे में बंद कर बंधक बना लिया। उसके बाद मारपीट करनी शुरू कर दी। उसके बाद बदमाशों ने चारों को एक वाहन में बैठाया और रामदीरी गांव स्थित एक केले के बगान में ले गए। उसके बाद चारों को एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठी-डंडे व रॉड से मारना शुरू कर दिया। मारपीट से घबराये रौशन ने अपने परिजनों को मामले की सूचना दी। उसके बाद एक बाइक सवार बदमाश वीरपुर पहुंचा व साढ़े तीन लाख रुपये लेकर फोन किया कि पैसा मिल गया है। उसके बाद रौशन व रिक्की को छोड़ दिया गया। उसके बाद मो. जावेद व उसके साथी की बेरहमी से पिटाई करनी शुरू कर दी।

पैसा देने में देर होने पर वीरपुर थाना के सरौंजा गांव निवासी मो. जावेद व उसके साथ आये एक युवक को बेरहमी से पीटता रहा। दोनों अपहृत दो बजे दिन से सात बजे रात तक अपहर्ताओं के चंगुल में मार खाते रहे। उसके बाद मो. जावेद ने अपनी पीड़ी परिजनों को सुनाई। उसके बाद बाइक सवार बदमाश दोबारा वीरपुर गये व साढ़े पांच लाख रुपये लेने के बाद अपने आका को फोन किया कि बॉस पैसा मिल गया है। बताया गया है कि दोनों आका रिश्ते में सहोदर भाई है। रुपये लेने के बाद जावेद व उसके साथी को यह कहते हुए छोड़ा गया कि पुलिस केस किया तो बेगूसराय आना-जाना छोड़ा देंगे। अपहरण से लेकर फिरौती वसूलने, बंधक बनाने से लेकर पेड़ पर उल्टा लटकाकर मारपीट करने में करीब पांच घंटे लगे। लेकिन, तब तक जिले की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह बता रहा है कि जिले की पुलिस का खुफिया तंत्र कितना मजबूत है। मटिहानी, रतनपुर व वीरपुर थाने की पुलिस को भनक नहीं लगना, तीनों थाने की पुलिस की कार्यशैली व खुफिया तंत्र पर सवाल उठने लगे हैं।

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