AMIT LEKH

Post: राहत सामग्री नही मिलने पर लोगों ने किया हंगामा , अंचल कार्यालय का किया घेराव, एक महिला बेहोश

राहत सामग्री नही मिलने पर लोगों ने किया हंगामा , अंचल कार्यालय का किया घेराव, एक महिला बेहोश

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :

अधिकारियों के आश्वासन पर शांत हुए लोग

पॉलीथिन और सूखा राशन नहीं मिलने से लोगों में गुस्सा

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल 

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के किशनपुर उत्तर और शिवपुरी पंचायत के बाढ़ पीड़ितों ने किसनपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर और शिवपुरी पंचायत भवन परिसर में शनिवार को जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे बाढ़ पीड़तों में कुछ महिलाएं हाथ में लाठी-डंडे और झाड़ू लेकर कार्यालय पहुंची थी। बाढ़ पीड़ितों का आरोप था कि अब तक सरकारी स्तर से पॉलीथिन सीट और सूखा राशन तक नहीं मिला है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर के बाद शिवपुरी पंचायत भवन परिसर में हंगामा के दौरान ब्लड प्रेशर कम होने से महिला मरीज बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। इससे कुछ देर के लिए वहां अफरा तफरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि स्थानीय लोगों ने महिला को पास के ही सरकारी अस्पताल किसनपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा ने बताया कि बेहोशी की हालत में आई महिला मुरकुचिया निवासी प्रीतम मुखिया की पत्नी तेतरी देवी ब्लड प्रेशर की मरीज है। हंगामा व शोर-शराबा के बीच वह बेहोश हो गई होगी। उसका इलाज चल रहा है। अब स्थिति सामान्य है। हालांकि बीडीओ और सीओ कार्यालय परिसर में हंगामा की सूचना पर सुपौल सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार, डीसीएलआर इकराम अली, प्रशिक्षु डीएसपी सह किसनपुर थानाध्यक्ष नीतू सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय भी वहां पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों के आग्रह पर हंगामा कर रहे सभी लोग पास के ही शिवपुरी पंचायत भवन परिसर पहुंचे। जहाँ फिर से बाढ़ पीड़ितों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि अधिकारियों के समझाने और आश्वासन पर लोग शांत हो गए। इधर, हंगामा कर रहे किसनपुर उत्तर पंचायत के पिरगंज और शिवपुरी पंचायत के मुरकुचिया और मोमिनटोला के बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि प्रलयकारी बाढ़ की चपेट में घर ध्वस्त हो गए। किसी तरह बाल-बच्चों के साथ जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर शरण लिए। बाढ़ का पानी घटा है तो घर की ओर रुख कर रहे है। लेकिन वहां रहने के लिए सरकारी स्तर से अब तक कुछ नहीं मिला है। सूखा राशन तक नहीं मिला है। मजबूरन हम लोगों को कार्यालय तक आना पड़ा है। हम लोग किस परिस्थिति में जी रहे हैं, इसकी सुध लेने कोई अधिकारी नहीं पहुंचे है।

Recent Post