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Post: जांच और कार्यादेश के बाद भी पहली किश्त के लिए 5 साल से भटक रहे 139 शहरी गरीब परिवार : गरिमा

जांच और कार्यादेश के बाद भी पहली किश्त के लिए 5 साल से भटक रहे 139 शहरी गरीब परिवार : गरिमा

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :

‘सबके लिए आवास’ योजना की बुधवार को आयोजित शिविर में खुद महापौर ने उठाया नगर निगम कार्यालय की कार्य प्रणाली पर सवाल

वर्ष 2018-19 एवं उसके बाद भी स्वीकृत कुल 574 शहरी परिवारों में से 139 को अब तक नहीं मिली आवास योजना की एक भी किश्त

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने सरकार और विभाग की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल “सबके लिए आवास ” योजना में नगर निगम की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल सवाल उठाया है।

फोटो : मोहन सिंह

उन्होंने बताया कि उनके विगत सभापति वाले कार्यकाल में पूर्ववर्ती नगर परिषद में सरकारी टीम ने घर घर जाकर करीब हजारों आवेदक में से 905 परिवारों का चयन “सबके लिए आवास योजना” का लाभ दिलाने के लिए किया था। वर्ष 2018-19 एवं उसके बाद में भी संपन्न विहित प्रक्रिया के तहत उनकी सूची विभाग को अंतिम स्वीकृति के लिए पटना भेजी गई। जिनमें से 574 शहरी गरीब परिवारों के दावा और अनुशंसा को सही पाकर इनको लाभ मुहैया कराने की स्वीकृति वर्षो पहले ही मिल गई। बावजूद इसके उन में 139 चयनित परिवारों को सरकारी कार्यादेश जारी हो जाने के बाद भी उन 139 गरीब परिवारों को योजना का लाभ मुहैया कराने में हमारा नगर निगम कार्यालय विफल रहा है। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि बुधवार को संपन्न इन चयनित परिवारों के अभिलेखों के जांच शिविर में शामिल कर्मचारियों द्वारा चयनित कुछ आवेदकों की संचिका में इनके भू स्वामित्व का कंप्यूटराइज एलपीसी और पारिवारिक बंटवारा का मान्य कागजात सही से उपलब्ध नहीं होने से इनको लाभ मुहैया कराने में समस्या की बात बताई गयी। जबकि वार्ड -2 की शांति देवी और भोला यादव, वार्ड 5 की सोना देवी, वार्ड- 12 कृष्ण मोहन मिश्र, वार्ड 15 की रेखा देवी, वार्ड 31 की पासपति देवी आदि दर्जनों लोगों से बातचीत से पता चला कि उन्हें यह सब जानकारी अब तक नहीं दी गई थी, जबकि उनकी के साथ कार्यादेश पाए चार सौ से भी ज्यादा परिवारों को दूसरा से लेकर तीसरा किश्त तक मिल गया है।

“भ्रष्टाचार की शिकायत पर अब तक नहीं हो पाई है ढंग से जांच”

महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने अपने पीड़ित जनता जनार्दन की बातों से व्यथित होकर महापौर श्रीमती सिकारिया कहा कि एक सामान्य गृहणी को रिकार्ड मतों से महापौर बनाने वाले अपने मतदाता मालिक की तरह मैं स्वयं भी खुद को आज बेहद लाचार पा रही हूं। क्योंकि नगर निगम ऐसी समस्याओं में कम रूचि ले रहा है। वही शिकायत पर कार्रवाई और सही से जांच लंबित है। महापौर ने बताया कि ऐसी स्थिति के बीच देरी होने से सबके लिए आवास योजना मद का दो करोड़ से ज्यादा का आवंटन वापस ले लिया गया है। और आगे भी इसी मद में प्राप्त करोड़ों के अन्य आवंटन के भी लेप्स हो जाने की बात बताई जा रही है।

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