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Post: जंगली हाथियों के मॉनेटरिंग के लिए प्रशिक्षित गजमित्र किए गए तैनात

जंगली हाथियों के मॉनेटरिंग के लिए प्रशिक्षित गजमित्र किए गए तैनात

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

परेशानी की बात यह है की नेपाली हाथी प्रतिदिन अपना ठिकाना बदल रहें हैं जो दो अलग अलग समूहों में कुल 13 की संख्या में बताये गए हैं

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला  

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। चितवन जंगल से आए हाथियों का झुंड आय दिन वाल्मीकिनगर बॉर्डर के इलाकों में उत्पात मचा रहें हैं। परेशानी की बात यह है की नेपाली हाथी प्रतिदिन अपना ठिकाना बदल रहें हैं जो दो अलग अलग समूहों में कुल 13 की संख्या में बताये गए हैं। वीटीआर से सटे कई गावों में लगातार इन जंगली हाथियों ने जमकर तांडव किया है। जिससे लोगों का भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि किसानों के धान और केले के फसल पर हाथी धावा बोल रहे हैं। हालांकि गाँव के लोगों ने आग और मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश किया है, इसी को लेकर रात भर ग्रामीण जंगली हाथियों की निगरानी में जग रहें हैं। इधर सूचना पर वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के वन विभाग की टीम फुट प्रिंट की सहायता से हाथियों की मॉनिटरिंग क़र रहा है। नेचर एनवायरनमेंट वाइल्ड लाइफ सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि नेपाल से हाथी भतुजला औऱ चकरसन स्थित वीटीआर के डिवीज़न 01 में शिकारी वास कॉरिडोर औऱ माड़ी कॉरिडोर के रास्ते आ रहे हैं। ये दो जगह हैं जहाँ गंडक नदी, वीटीआर जंगल के खुली सीमाओं के बीच नेपाली हाथियों को वीटीआर का इलाका ख़ूब भा रहा है। अभिषेक ने बताया कि हाथियों से लोगों की सुरक्षा के लिए गज मित्रों को तैनात किया गया है जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। इन लोगों को प्रशिक्षित किया गया है लिहाजा जैसे ही इन्हें हाथियों के विचरण की सूचना मिलती है ये लोगों को सतर्क और सावधान करते हुए सुरक्षित रहने का टिप्स देते हैं। हालांकि वन विभाग नेपाली हाथियों के विचरण को सामान्य घटना मान कर पूर्व की तरह अपनी ड्यूटी बजा रहा है लेकिन ग्रामीणों में जान माल की नुकसान को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि इन जंगली हाथियों की झुण्ड में एक सनकी हाथी भी शामिल है जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। लिहाजा वीटीआर प्रशासन को समय रहते नेपाल के चित्तवन माड़ी नेशनल पार्क की सीमाओं पर बैरिकेडिंग जैसे बचाव के कार्य की अहम ज़रूरत है ताकि ऐसे खूंखार जंगली जानवरों का भारतीय सीमा में प्रवेश रोका जा सके ।

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