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Post: तेजस्वी यादव ने जदयू नेता नीरज कुमार को भेजा 12 करोड़ के मानहानि का नोटिस

तेजस्वी यादव ने जदयू नेता नीरज कुमार को भेजा 12 करोड़ के मानहानि का नोटिस

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

सैलरी घोटाला का लगा रहे आरोप

न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना 

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार सरकार में पूर्व मंत्री और जदयू के विधानपार्षद सह मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार हमेशा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव औऱ उनकी पार्टी राजद पर हमलावर रहते है। इस कड़ी में पिछले दिनों नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष पर सैलरी घोटाले का आरोप लगया था । उन्होंने कहा था कि कि तेजस्वी यादव को सालाना 12 से 13 लाख रुपये वेतन मिल रहा है और यह एक करोड़ लोन दे रहे हैं। जदयू प्रवक्ता ने नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक अन्य हलफनामा में तेजस्वी यादव ने बताया है कि यह 3 करोड़ लोन दे चुके है। हलफनामा से साफ पता चलता है कि तेजस्वी यादव की मंशा तथ्यों को छुपाना था। ईडी से बचने के लिए पैतरा अपना रहे है। 700 पन्नो के दस्तावेज में हमने आयोग से कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनके ऊपर कार्रवाई कीजिए। यह एक भ्रष्ट आचरण है।
अब नीरज कुमार द्वारा आरोप लगाने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने जदयू के मुख्य प्रवक्ता पर 12 करोड़ रूपए के मानहानि का नोटिस तेजस्वी यादव के वकील के द्वारा भेजा गया है। तेजस्वी के वकील ने अपने नोटिस में लिखा कि 21.10.2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपने ऊपर नामित हमारे मुवक्किल पर गलत और दुर्भावनापूर्ण तरीके से वित्तीय कदाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया विशेष रूप से “वेतन घोटाले” में उनकी भागीदारी का आरोप लगाया। ये दावे जो पूरीतरह से निराधार थे। हमारे मुवक्किल को जानबूझकर अपनी आय कम रिपोर्ट करने के रूप में चित्रित करते है। जो वित्तीय प्रकटीकरण में बेईमान व्यवहार का सुझाव देते हैं। इसके अलावा, आपके बयान केवल आरोपों से परे थे क्योंकि आपने बेहद तुच्छ और भड़काऊ टिप्पणी की थी । जिसका स्पष्ट उद्देश्य जनता को गुमराह करना और जनता की नज़र में हमारे मुवक्किल की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करना था। आपके द्वारा बिना किसी विश्वसनीय साक्ष्य या सत्यापन के लगाए गए निराधार आरोप न केवल मानहानिकारक थे । बल्कि जनता की नज़र में हमारे मुवक्किल की प्रतिष्ठा को कम करने के उद्देश्य से भी थे। नेता प्रतिपक्ष के वकील ने नीरज कुमार को भेजे अपने नोटिस में लिखा कि हमारे मुवक्किल के खिलाफ उपरोक्त मानहानिकारक निंदनीय, झूठे और लापरवाह आरोप व्यापक रूप से प्रसारित किए गए हैं। पूरे भारत में जनता को ज्ञात हैं और इससे जनता की नजरों में हमारे मुवक्किल की गरिमा/प्रतिष्ठा कम हुई है। इस तरह के निंदनीय, मनगढ़ंत, मानहानिकारक और लापरवाह आरोप आपके द्वारा हमारे मुवक्किल की छवि और प्रतिष्ठा को बदनाम करने और धूमिल करने के गुप्त उद्देश्यों और गलत इरादे से लगाए गए हैं। हमारा मुवक्किल अपनी मानसिक पीड़ा अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की हानि के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 12,00,00,000/- (केवल बारह करोड़ रुपये) और इस कानूनी नोटिस की लागत के रूप में 10,00,000/- (केवल दस लाख रुपये) की मांग कर रहा है। इसलिए हमारा मुवक्किल आपसे अनुरोध करता है कि आप इस कानूनी नोटिस की प्राप्ति के दस (10) दिनों के भीतर हमारे मुवक्किल के पक्ष में बिना शर्त सार्वजनिक माफी जारी करने के साथ-साथ कुल 12,10,00,000/- रुपये (केवल बारह करोड़ दस लाख रुपये) का भुगतान करें ऐसा न करने पर हमें हमारे मुवक्किल से कानूनी कार्यवाही शुरू करने और भारतीय न्याय संहिता 2024 की धारा 356 के तहत मानहानि के लिए आपराधिक मुकदमा दायर करने के स्पष्ट निर्देश है।

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