बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :
बालू खनन का परमिट रद्द करने की मांग पर भाकपा माले ने दिया जिला पदाधिकारी के समक्ष धरना
शेरवा गाँव को विनष्ट करने वाली बालू खनन का परमिट रद्द करें सरकार : माले
किसानों पर जदयू- भाजपा सरकार की डबल इंजन का डबल हमला : माले
नितीश सरकार जहां परमिट देना चाहिए वहां नहीं दे रही है. जहां नहीं देना चाहिए वहां दे रही है परमिट : माले
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। मैनाटाड अंचल के शेरवा गाँव को विनष्ट करने वाली बालू खनन का परमिट रद्द करने की मांग पर भाकपा माले ने जिला पदाधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। साथ हीं तीन सुत्री मांग पत्र जिला पदाधिकारी को सौप कर बालू खनन का परमिट रद्द करने की मांग किया।
भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव ने कहा कि मैनाटाड अंचल के बरवा पंचायत के शेरवा ग्राम से गुजरने वाली (बिरहा) कौरेना नदी में वन एवं पर्यावरण परिवर्तन के नीतियों को ताक पर रखकर, ग्रामीण लोगों के जानमाल और घरों एवं खेती की जमीन को अनदेखा कर बालू खनन का परमिट दिया गया है, सरकार उसे तत्काल रद्द करें।
आगे उन्होंने कहा कि 2020 में बाढ़, बालू खनन के कारण ही आयी थी। उसमें गरीबों के 21 घर नदी के धारा में विलीन हो गया, 25 किसानों की 33 एकड़ खेती की जमीन भी नदी के धारा में विलीन हो गया था। इतना ही नहीं सरकारी सड़क भी नदी की धारा में खत्म हो गया था। जिसे स्थानीय विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता के कठिन परिश्रम से करोड़ों की लागत से बनवाया गया था। लेकिन जिन लोगों का घर और खेती की जमीन नदी के धार में कट गया था उसके पक्ष में सरकार आज तक पुर्नवास का काम नहीं किया है और न खेती की जमीन का कोई मुआवजा दे सकीं हैं।सरकार पिछली गलतियों से सबक सिखाने के बजाय इस साल भी फिर उसी नदी में बालू खनन का परमिट दे दी है। भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य संजय राम ने कहा कि नितीश सरकार बालू खनन की परमिट इस लिए भी रद्द करे, क्योंकी बालू खनन से जितनी राजस्व अर्जित होती है उससे कई गुना अधिक उसके कारण आयी संकट/ क्षति ग्रस्त सड़क निर्माण, घर और खेती के नुकसान को भरपाई करने में खर्च हो जाते हैं।
माले नेताओं ने कहा कि सरकार के गलत फैसला से जनता और उसके जीविका को संकट मे पड़ रहा है। लिहाजा, सरकार अपने फैंसले पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर फैसला को जनहित में रद्द करें। भाकपा माले धरना के द्वारा उपरोक्त बिन्दुओं पर नितीश सरकार के नाम जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से तीन सुत्री मांग पत्र सौप कर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जानमाल को ध्यान में रखते हुए उक्त परमिट को रद्द किया जाये। इनके अलावा संजय मुखिया, कलाम अंसारी, हरेराम यादव, बन्धु राम, अच्छे लाल राम, श्रीकांत ठाकुर आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया।