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Post: कॉलेज ने संस्कृत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया

कॉलेज ने संस्कृत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया

✍️ जितेन्द्र कुमार, जिला प्रभारी
– अमिट लेख

सुपौल, (विशेष)। अनूप लाल यादव महाविद्यालय त्रिवेणीगंज के तत्वाधान में संस्कृत विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता संस्कृत विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. रामचंद्र प्रसाद “रमन” ने की। उनके द्वारा कार्यशाला का मुख्य विषय शिक्षण कौशल रखा गया।

जिसका, मुख्य उद्देश्य प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं के बीच समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को उजागर करना था।विभागाध्यक्ष प्रो. रामचंद्र प्रसाद “रमन” द्वारा आधुनिक युग में संस्कृत विषय के महत्व को बताया गया। उन्होंने बताएं भारतीय संविधान में बोलचाल की भाषा के रूप में संस्कृत को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। जबकि, उत्तराखंड में संस्कृत को दूसरी राज्य भाषा का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के कई जिले के गांव में संस्कृत बोलचाल की भाषा है। संस्कृत साहित्य में कालिदास जैसे महाकवि, भवभूति जैसे नाटककार, बाणभट्ट जैसे गद्य लेखक, जयदेव जैसे गीतिकाव्य लेखक, श्रीहर्ष जैसे पंडित, माघ और भारवि जैसे महाकाव्य रचनाकार हुए जो भारत की सभ्यता और संस्कृति की धरोहर है।

आईक्यू सेल के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अशोक कुमार द्वारा छात्र-छात्राओं को नियमित महाविद्यालय आने के लिए प्रेरित किया गया तथा महाविद्यालय में व्यवस्थित शिक्षा-व्यवस्था से अवगत कराया गया। संस्कृत विषय के प्राध्यापक प्रोफेसर शंकर मिश्र ने बताए की संस्कृत भाषा देववाणी कहलाती है, यह न केवल भारत की महत्वपूर्ण भाषा है अपितु, विश्व के प्राचीनतम व श्रेष्ठतम भाषा मानी जाती है।

संस्कृत के प्राध्यापक प्रोफेसर शंभू यादव बताए हिंदू धर्म से संबंधित सभी धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। बौद्ध धर्म और जैन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में है। आज भी यज्ञ और पूजा में संस्कृत मंत्रों का ही प्रयोग किया जाता है। संसार का आदि काव्य रामायण महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत भाषा में है। हमारी संस्कृति का धरोहर संस्कृत भाषा ही है। संस्कृत के प्राध्यापक प्रो. विद्यानंद यादव ने बताए संस्कृत साहित्य के अनुशीलन से पुरुषार्थ चतुष्टय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। संस्कृत भाषा भारतीय हिंद आर्य भाषा है। प्राय: भारतीय सभी भाषाएं- हिंदी, बंगला, मराठी,पंजाबी, नेपाली आदि संस्कृत भाषा से उत्पन्न मानी जाती है। संस्कृत से सुसंस्कृत समाज का निर्माण होता है। संस्कृत भाषा के महत्व को देखते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में सरकार द्वारा संस्कृत विषय के अध्ययन पर बल दिया गया है। आने वाले समय में संस्कृत कंप्यूटर की भाषा बनने जा रही है। इसलिए अपने बच्चों को अंग्रेजी के साथ संस्कृत भाषा का ज्ञान अवश्य दिलाना चाहिए। कार्यशाला में प्रोफेसर अरुण कुमार छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से अवगत करवाएतथा छात्र-छात्राओं को नियमित महाविद्यालय आने के लिए प्रेरित किए। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. शंभू यादव, सोनू स्नेहिल तथा अन्य एवं शिक्षकेतर कर्मचारी गण गगन कुमार, दिग्दर्शन, प्रभात कुमार, जलेश्वर भगत, रंजन कुमार तथा अन्य एवं संस्कृत विषय के छात्र-छात्राएं- अमित कुमार,संदीप कुमार,बबलू कुमार, कविता कुमारी, कुमारी अल्पना, चांदनी कुमारी,राधा कुमारी, रूपम कुमारी,कल्पना कुमारी, अमृता कुमारी, रंभा कुमारी, पल्लवी कुमारी, डोली कुमारी, आशा कुमारी, शिवानी कुमारी, काजल कुमारी, विभा कुमारी, कोमल कुमारी, नेहा कुमारी, ममता कुमारी, पूनम कुमारी, चंचल कुमारी, ब्यूटी कुमारी,पूजा कुमारी, कंचन कुमारी तथा अन्य उपस्थित थे।

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