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Post: वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा का उल्लंघन कर रहीं हैं मोदी सरकार : मिथलेश कुमार

वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा का उल्लंघन कर रहीं हैं मोदी सरकार : मिथलेश कुमार

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

चार श्रम संहिता मजदूरों को गुलामी का दस्तावेज है- ऐक्टू

नगर निगम में एनजीओ सिस्टम खत्म कर स्थाई पद पर बहाली हो- गनपत राउत

मजदूरों अधिकारों के लिए देशव्यापी आम हड़ताल अब 9 जुलाई 2025 को होगा- जवाहर प्रसाद

मजदूरों के खिलाफ सरकार एकतरफा और उकसावेपूर्ण कदम उठाने से करे परहेज : सुनील कुमार राव

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। दस केन्द्रीय मजदूर संघों के आह्वान पर नगर निगम सफाई कर्मचारी कामगार यूनियन सम्बद्ध ऐक्टू ने जिला समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन कर मांग सौंपी। प्रदर्शन के दौरानअंबानी-अदानी से यारी मजदूरों से गद्दारी नहीं चलेगी ! मोदी सरकार होश में आओ! मजदूर विरोधी चार श्रम कोड वापस लो ! ठेका राज बंद करो! अंधाधुन निजीकरण पर रोक लगाओ ! सरकारी संपत्तियों को बेचना बंद करो ! OPS वापस लाओ! महीनें में 41,000 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी और 15,000 रुपए न्यूनतम पेंशन की गारंटी करो ! आदि नारा लगा रहे थे। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ने निगम सफाई कर्मचारी कामगार यूनियन नेता मिथलेश कुमार राउत ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि आतंकवादी हमले और उसके बाद उत्पन्न संवेदनशील स्थिति के बावजूद कॉरपोरेटों/नियोक्ताओं का वर्ग, केंद्र और कई राज्य सरकारों के सहयोग से, मजदूरों पर हमले जारी रखे हुए है। कार्य के घंटे एकतरफा 8 घंटे से 12 घंटे बढ़ाए जा रहें हैं। वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा का उल्लंघन किया जा रहा है। मजदूरों की छंटनी बेरोकटोक किए जा रहें हैं। बिना वजह मजदूर संगठनों का निबंधन तक खारिज किया जा रहा है। आगे ऐक्टू जिला सचिव जवाहर प्रसाद ने कहा कि मजदूरों को गुलामी की युगों में ले जाने वाले बदनाम चार लेबर कोड को चुपके से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। आगे कहा कि बार – बार कहने के बावजूद नगर निगम अधिकारी व बिहार की डबल इंजन की मोदी सरकार मजदूर संगठनों से बातचीत नहीं कर रहीं हैं न समस्याओं का हल कर रहीं हैं। प्रदर्शन के समर्थन में उतरे भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा कि मजदूरों के अधिकारों के लिए देशव्यापी आम हड़ताल 20 मई के बदले अब 9 जुलाई 2025 को होगा, आगे कहा कि मोदी सरकार मजदूर विरोधी सरकार साबित हुईं हैं, न मजदूर संगठनों से मिलने की जहमत उठाई और न ही भारतीय श्रम सम्मेलन का आयोजन किया। जबकि पूरे देश में हड़ताल की नोटिस दी जा चुकी है और तैयारी जोरों पर है। हम भारत सरकार से मांग करते मजदूर आन्दोलन के इस सकारात्मक रुख का सम्मान करे और लेबर कोड सहित मजदूरों की कामकाजी परिस्थितियों और अधिकारों से सम्बंधित अन्य जायज मुद्दों पर कोई भी एकतरफा और उकसावेपूर्ण कदम उठाने से परहेज करें। खासकर इस कठिन समय में जब पूरा देश एकजुट होकर गम्भीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। नगर निगम सफाई कर्मचारी कामगार यूनियन नेता गनपत राउत ने कहा कि नगर निगम में एनजीओ सिस्टम खत्म कर स्थाई पद पर सफाई कर्मचारियों की बहाली हो, न्यूनतम मजदूरी सभी क्षेत्र में लागू करो, श ठेका प्रथा खत्म करो, एनजीओ सिस्टम बंद किया जाय, रोजगार सुरक्षित हो, सम्मान जनक मजदूरी दिया जाए रहा और कार्य स्थलों पर सुरक्षा की गारंटी हो, आगे कहा कि मोदी सरकार मजदूर वर्ग को दूबारा गुलाम बनाने के लिए तमाम श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम कोड़ लाई है, जिसको मजदूर कभी स्वीकार नहीं करेगा, इनके अलावा अशर्फी राउत, प्रमिला देवी, शिबू कुमार, प्रकाश माझी।

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