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Post: आवास मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित तो प्रधान को नोटिस

आवास मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित तो प्रधान को नोटिस

बताते चले पिछले दिनों जनपद में आवास योजना और व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध व्यापक पहल करते हुये आम आदमी पार्टी ने जन जागरण का अभियान छेड़ा था

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने मधुबनी के ग्राम पंचायत अधिकारी अभिषेक कुमार त्रिपाठी को निलंबित करने का निर्देश दिया

आवास के नाम पर पैसा लेने के आरोप में डीएम सत्येंद्र कुमार ने प्रधान पिंटू को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है

बताते चलें कि प्रधान द्वारा जवाब संतोषजनक नहीं होने पर प्रधान की वित्तीय और प्रशासनिक शक्ति शून्य कर दी जाएगी

✍️ सैफ आलम, मण्डल ब्यूरो
– अमिट लेख

महराजगंज, (विशेष)। प्रधानमंत्री आवास योजना में पैसे लेकर अपात्रों को लाभ दिए जाने मामले ने जनपद में रंग दिखाना चालू कर दिया है।

तहसील निचलौल के मिठौरा ब्लॉक के मधुबनी ग्राम की एक महिला द्वारा पीएम आवास योजना में चढ़ावा की राशि मांगे जाने और नहीं देनेवालों को योजना के लाभ से वंचित किये जाने से सम्बंधित एक आवेदन प्रशासन को सुपुर्द किया था। जिसके आलोक में मामला सत्य पाये जाने पर डीपीआरओ ने सम्बंधित ग्राम पंचायत अधिकारी अभिषेक कुमार त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है।

गांव की एक महिला की शिकायत पर इस मामले की जांच पीडी, डीडीओ, एडीपीआरओ, सहायक विकास अधिकारी, आईएसडी, एडीओ पंचायत ने की थी। जिसमें 34 आवासों की पात्रता की जांच की गई। जांच में 13 लोग अपात्र मिले। इसमें अधिकांश अपात्रों को आवास की धनराशि का भुगतान भी कर दिया गया है। वहीं कई लाभार्थियों ने बयान दिया की उनसे आवास के नाम पर 5000 से 15000 रुपए ले लिया गया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने मधुबनी के ग्राम पंचायत अधिकारी अभिषेक कुमार त्रिपाठी को निलंबित करने का निर्देश दिया। जिसके क्रम में डीपीआरओ ने सेक्रेटरी को निलंबित कर दिया है। आवास के नाम पर पैसा लेने के आरोप में डीएम सत्येंद्र कुमार ने प्रधान पिंटू को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बताते चले पिछले दिनों जनपद में आवास योजना और व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध व्यापक पहल करते हुये आम आदमी पार्टी ने जन जागरण का अभियान छेड़ा था। ऐसे में एक महिला द्वारा इस आशय के आवेदन के आलोक में तत्परता से प्रशासन ने जाँच कार्य को अंजाम दिया है। बताते चलें कि प्रधान द्वारा जवाब संतोषजनक नहीं होने पर प्रधान की वित्तीय और प्रशासनिक शक्ति शून्य कर दी जाएगी। बहरहाल आवास मामले में प्रशासन की निष्पक्षता बरतने से आम लोगों में ख़ुशी का माहौल है वहीँ इस कररवाई से कितने ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों की आँखों से नींद गायब प्रतीत होने लगी है।

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