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Post: मछुआरों पर जूल्म के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद : माले

मछुआरों पर जूल्म के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद : माले

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

भाजपा- जद (यू) की नीतीश सरकार मछुआरों का प्रताड़ना बंद कर सरेया मन में मछली पकड़ने का परंपरागत अधिकार बहाल करें : सुनील कुमार राव

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

मोहन सिंह

–  अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। वन-विभाग के अधिकारीयों D.F.O.और रेंजर द्वारा सरेया मन के इर्द-गिर्द के मछली पकड़ने वाले मछुआरों को मछली नहीं पकड़ने देने, जबरन नाव,जाल,डेली, मोटरसाइकिल जप्त करने और बेवजह तरह तरह के झूठा मुकदमा दर्ज कराने और जेल भेजने के खिलाफ 25 अगस्त को स्थानीय सांसद, विधायक और D.F.O. का पुतला जलाया जाएगा और 11 सितंबर को D.F.O. का बेतिया में घेराव किया जाएगा। उक्त बातें बताते हुए भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने बताया कि बलुआ रमपुरवा के ढ़रहरवा में मछुआरों की बैठक में उक्त निर्णय लिया है । माले नेता व मुखिया महासंघ के प्रखंड अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा मछुआरे पहले भी मछली पकड़ते रहें हैं पर वर्तमान D.F.O. के दौर में वन क्षेत्र के कीमती लकड़ियों चंदन, सखुआ, सागवान आदि के अवैध पातन की खबर कहीं बाहर नहीं चल जाए। इसलिए मछुआरों को विभिन्न तरह से प्रताड़ित करा रहे है। माले नेता सुरेंद्र चौधरी ने कहा D.F.O. और रेंजर द्वारा पद में अंतर्निहित अधिकार और शक्ति के दुरुपयोग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। अब यह तमाम सीमाओं को पार कर दिया है। इसको लेकर सरेया मन के इर्द-गिर्द के सिर्फ मछुआरों में ही नहीं अन्य लोगों में भी आक्रोश देखा जा रहा है।सरेया मन बचाओ मछुआरों का रोज़ी रोजगार बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक बाली चौधरी ने कहा वन अधिकारी यहां के लोगों को नहीं समझ रहे हैं और अंग्रेजी निज़ाम जैसा व्यवहार कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यह भूमि क्रांतिकारियों की है। इसी सरेया मन में शहीद-ए-आजम भगत सिंह भी रहकर अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को संचालित किए हैं।जिस दिन लोगों का आक्रोश फटेगा उस दिन वे यहां नहीं दिखाई देंगे। सरेया मन बचाओ मछुआरों के रोज़ी रोजगार बचाओ संघर्ष समिति के नेता अशोक मुखिया ने कहा वन अधिकारी अपनी ग़लती का सुधार करें और मछुआरों के मछली पकड़ने और पालन करने के परंपरागत अधिकार बहाल करें वरना संघर्ष तो लाजमी है। माले नेता जोखू चौधरी ने कहा वन अधिकारियों को यह समझना चाहिए पक्षी विहार घोषित कर देने मात्र से पक्षियां नहीं आएंगी। उसके लिए उस इको सिस्टम को कायम करना होगा जो पक्षियों के लिए भोजन के साथ माहौल कायम करता है।मन में मछलियां रहती है तो प्रवासी पक्षियों का भी आगमन होता था।आज़ लगभग गायब है। मछली पकड़ने से पक्षी विहार को कोई नुक़सान नहीं है। यह तो पावर और नियम का दुरुपयोग है। माले नेता अशोक प्रसाद ने कहा पटना से दिल्ली तक भाजपा की सरकार है। अधिकारियों पर लगाम के लिए सांसद/ विधायक/मंत्री चुने जाते है, पर वे इसे समझते ही नहीं है या उनके हाथ-पांव और उनके दिमाग ही बंधक पड़ गए हैं। यहां मुख्यालय बेतिया से विधायक रेणु देवी पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री है। यह सबके सब भाजपा के है और चुप है। मछुआरों के साथ अन्याय की तमाम सीमाओं को वन विभाग के अधिकारियों ने तोड़ दिया है। अब संघर्ष का रास्ता बचा है। भाकपा माले के नेतृत्व में इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। मछुआरों की आजादी, सरेया मन की आजादी और मछुआरों की परंपरागत अधिकार की बहाली की लड़ाई को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े इसकी तैयारी शुरू है। बैठक में वीरेन मुखिया, तुफानी चौधरी, श्रवण चौधरी, वीर मुखिया, परदेशी मुखिया, शुभ लाल मुखिया, वासुदेव मुखिया, चुभन चौधरी, महावीर मुखिया, संजय मुखिया आदि उपस्थित थे।

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