



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
बताते चलें कि पिछले करीब 1 साल के अंदर वीटीआर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न वन क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन बाघों का शव बरामद किया जा चुका हैं और हर बार बाघों की आपसी लड़ाई में मारे जाने की बात कह कर पोस्टमार्टम कराया जाता रहा है
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया,(ए.एल.न्यूज़)। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में रविवार (31 अगस्त 25 ) को एक 6 वर्षीय बाघिन का शव मिला।
वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बताते चलें कि पिछले करीब 1 साल के अंदर वीटीआर क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न वन क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन बाघों का शव बरामद किया जा चुका हैं और हर बार बाघों की आपसी लड़ाई में मारे जाने की बात कह कर पोस्टमार्टम कराया जाता रहा है। लेकिन अब तक केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में कोई भी कारगर कम नहीं उठाया जा सका है ताकि बाघों की आपसी लड़ाई में मौत की घटनाओं पर काबू पाया जा सके। जो एक गंभीर चिंता का विषय है। वन अधिकारियों के अनुसार वीटीआर के रघिया वन क्षेत्र अंतर्गत कम्पार्टमेंट आर/58 में पेट्रोलिंग के दौरान शव मिला।

वीटीआर के वन्यजीव संरक्षक और क्षेत्र निदेशक, नेशामणि के. ने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि बाघिन की मौत किसी अन्य बाघ के हमले के कारण हुई है।” मृत बाघिन के अगले पैरों और जबड़े में लगी चोटों से लड़ाई के संकेत मिलते हैं। उन्होंने बताया कि मृत बाघिन के दोनों अगले अंगों के अधिकांश नाखून क्षतिग्रस्त थे और शरीर पर पंजों के निशान थे। आस-पास की झाड़ियों को रौंदा गया था और उन पर बाघ के बाल पाए गए थे। नेशामणि के. ने आगे बताया कि बाघिन की मौत की सूचना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए)-दिल्ली और क्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी को दे दी गई है। वन अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया और बाद में एनटीसीए प्रोटोकॉल के अनुसार शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उसके विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूडब्ल्यूआई) देहरादून भेजा जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वीटीआर में 54 बाघ हैं।