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भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भटट्टाचार्य बेतिया पहुंचे

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज जिले के बेहरा गांव में आयोजित शहीद पार्टी नेता सफायत अंसारी के 29वें शहादत दिवस के मौके पर आयोजित शहीद मेला को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। 14 सितंबर 25 को भाकपा(माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य आज पटना से सड़क मार्ग से चलकर बेतिया पहुंचे। भाकपा (माले) पोलित ब्यूरो की सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी और समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर भी उनके साथ थे। जिला अतिथि गृह में सिकटा के विधायक वीरेंद्र पसाद गुप्ता, भाकपा (माले) राज्य कमेटी के सदस्य सुनील यादव, फरहान रजा और अख्तर इमाम की अगुआई में स्थानीय पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया। एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज जिले के बेहरा गांव में आयोजित शहीद पार्टी नेता सफायत अंसारी के 29वें शहादत दिवस के मौके पर आयोजित शहीद मेला को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया। विदित हो कि आज ही के दिन 14 सितंबर 1996 को एक अपराधी गिरोह इस क्षेत्र के लोकप्रिय भाकपा (माले) नेता सफायत अंसारी कि नृशंसता पूर्वक हत्या कर दी थी। तब से ही हर वर्ष उनकी याद में मेला आयोजित होता है. इससे पहले का. दीपंकर भट्टाचार्य ने जिला अतिथि गृह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में एसआईआर के सवाल पर पिछले दिनों जो आंदोलन हुआ वह लोगों के वोट देने के बुनियादी अधिकार की रक्षा के लिए था। हमारे संघर्ष की वजह से ही भाजपा व चुनाव आयोग की इस बड़ी साजिश पर एक हद तक रोक लगी है। आखिरी दौर में दावा-आपत्ति के नाम पर फर्जी मतदाताओं के नाम जुड़वाने या फर्जी शिकायत के जरिये वास्तविक मतदाताओं के नाम कटवाने की जो कोशिशें चल रही हैँ, हम उसको भी रोकने की लड़ाई लड़ेंगे। यह हमारे संघर्ष का ही नतीजा है कि ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा आज न केवल बिहार, बल्कि पुरे देश में गूंज रहा है। उन्होंने कहा कि चम्पारण आजादी और गांधी के आंदोलन की भूमि है। हमें पूरी उम्मीद है कि ‘बदलो बिहार, बदलो सरकार’ के नारे के साथ चल रहे बिहार बदलाव के आंदोलन को यहां पूरी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश-भाजपा के करीब 20 वर्षो के राज में बिहार में गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, कर्ज का बोझ, वास-आवास की कमी और भूमिहीनता और महिलाओं, दलितों, अतिपिछड़ों व मुस्लिमों पर सामंती-साम्प्रदायिक हिंसा का जैसा बोलबाला है। आज बिहार में बदलाव का एजेंडा सबसे बड़ा एजेंडा बन गया है। बदलो सरकार, बदलो बिहार का नारा हर तरफ गूंज रहा है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को मुद्दा बनाकर भारत-पाक क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग की आलोचना करते हुए खेल को राजनीति से अलग रखने की बात की। साथ ही, उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार और भाजपा ने देश की जनता को आजतक इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि पहलगाम में पर्यटकों की सुरक्षा में ऐसी भयानक चूक क्यों हुई? उन्होंने बिहार में एनएमओपीएस के सवाल पर आज पटना में हो रहे सम्मेलन और पिछले दिनों बर्खास्तगी के खिलाफ शुरू हुए संविदा सर्वें कर्मियों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन पुरानी पेंशन योजना को लागु करने और बिहार में आउट सोर्सिंग को पूरी तरह से रोकने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) राज्य के 45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की जोरदार तैयारी चला रही है। इससे इण्डिया गठबंधन को भी पूरी ताकत मिलेगी. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि बिहार कि डबल इंजन सरकार का महिला सशक्तिकरण सिर्फ दिखावा है और ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा बच्चियों- महिलाओं पर हिंसा की बेशुमार घटनाओं से तार-तार हो चूका है। उन्होंने नीतीश कुमार की हालिया घोषित ‘महिला रोजगार योजना’ को चुनाव पूर्व महिलाओं को छलने की एक नाकाम कोशिश है। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद सिकटा विधायक वीरेन्द प्रसाद गुप्ता ने अपने क्षेत्र में 40 हजार से भी अधिक मतदाताओं के नाम काट देने पर नाराजगी जताते हुए इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की बात कही।

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