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Post: पश्चिम चंपारण के 9 विधानसभा सीटों में 7 पर एनडीए एवं 2 पर महागठबंधन का कब्जा

पश्चिम चंपारण के 9 विधानसभा सीटों में 7 पर एनडीए एवं 2 पर महागठबंधन का कब्जा

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा : 

बेतिया से भाजपा के रेणु देवी छठी बार चुनी गई विधायक

दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

वाल्मीकिनगर : प्रियंका के ओजस्वी भाषण ने नीतीश के गढ़ थरूहट में की सेंध मारी तो जदयू विधायक के चम्मच दल से नाराजगी बना हार का प्रमुख कारण

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। पश्चिम चंपारण के 9 विधानसभा सीटों में 6 सीट पर एनडीए के भाजपा और एक सीट पर जदयू तथा 2 सीट महागठबंधन‌ के कांग्रेस ने जीत हासिल की है।

जबकि जदयू के पाले में बाल्मीकिनगर मात्र एक विधानसभा सीट जो कांग्रेस के खाते में चला गया है, अमिट लेख पूर्व में भी इजहार कर चुका है, प्रियंका के ओजस्वी भाषण ने नीतीश के गढ़ थरूहट में की सेंध मारी तो जदयू विधायक के चम्मच दल से नाराजगी बना हार का प्रमुख कारण। भाजपा के पाले में 7 सीट थी, जो घटकर तो 6 सीट रह गई है। जिले में कांग्रेस की यह ऐतिहासिक जीत बताई जा रही है। क्योंकि पश्चिम चम्पारण में एक भी सीट कांग्रेस के खाते में नहीं थी।

बाल्मीकिनगर विधानसभा सीट पर महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद जदयू के धीरेन्द्र प्रताप उर्फ़ रिंकू सिंह को हराकर चुनाव जीत गए हैं। बगहा विधानसभा सीट पर फिर से एक बार भाजपा के राम सिंह चुनाव जीत गए हैं। रामनगर अजा विधानसभा क्षेत्र से नंदकिशोर राम विजयी हुए हैं। नरकटियागंज विधानसभा सीट पर भाजपा के संजय पांडेय भारी मतों से विजयी हुए हैं। लौरिया विधानसभा सीट पर फिर से एक बार भाजपा के विनय बिहारी चुनाव जीत गए हैं। चनपटिया विधानसभा सीट पर भाजपा के उमाकांत सिंह को हराकर कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक रंजन चुनाव जीत गए हैं, यहाँ भी स्थानीय मुद्दाओं में भाजपा नेताओं या यूँ कहें कि स्थानीय केंद्रीय राज्य मंत्री के हिमायती लोगों से जन्मत का बिखराव प्रमुख कारण माना जा रहा है। सिकटा विधानसभा सीट पर भाकपा माले के पूर्व विधायक विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को हराकर जदयू प्रत्याशी समृद्ध वर्मा विजयी हुए हैं। नौतन विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक नारायण प्रसाद पुनः चुनाव जीत गए हैं और बेतिया विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक रेणु देवी छठी बार चुनाव जीत गई है। जनसुराज का खाता भी नहीं खुल सका। चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 10000 एवं 1100 की खेली गई मास्टर स्ट्रोक से एनडीए को फायदा हुआ है, जिसके कारण वोटों का प्रतिशत बढ़ा है। वहीँ, नीतीश कुमार द्वारा खेले गए इस कार्ड से अधिक लाभ भाजपा को मिली है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

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