AMIT LEKH

Post: पोखरा में डूबने से तीन बच्चों की दर्दनाक मौत, गांव में मातमी सन्नाटा

पोखरा में डूबने से तीन बच्चों की दर्दनाक मौत, गांव में मातमी सन्नाटा

छपरा से हमारे प्रमंडलीय ब्यूरो का संकलन :

आशंका जताई जा रही है कि तीनों बच्चे पोखरा की मछली देखने, खेलने अथवा नहाने गए थे, इसी दौरान गहरे पानी में चले जाने से उनकी डूबकर मौत हो गई

न्यूज़ डेस्क, छपरा/सारण 

संवाददाता

– अमिट लेख

एकमा, (ए.एल.न्यूज़)। एकमा थाना क्षेत्र के परसा पूर्वी पंचायत के धनौती गांव के बाहर शनिवार के दोपहर बाद एक मत्स्य पालन वाले निजी पोखरा में डूबने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई।

घटना के बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया। वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आशंका जताई जा रही है कि तीनों बच्चे पोखरा की मछली देखने, खेलने अथवा नहाने गए थे, इसी दौरान गहरे पानी में चले जाने से उनकी डूबकर मौत हो गई। स्थानीय ग्रामीणों व परिजनों द्वारा तीनों बच्चों को आनन-फानन में एकमा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ इरफान अहमद ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

मृत बच्चों का विवरण :

मृतकों के शव की पहचान सोनी कुमारी (5), पिता शिवप्रसन्न यादव, निवासी पकवलिया, महराजगंज, जिला सिवान,

(बताया गया है कि सोनी कुमारी अपने ननिहाल एकमा थाना क्षेत्र के धनौती गांव में रहती थी। वहीं उज्ज्वल कुमार (4), पिता मनोज मांझी और तन्या कुमारी (3) पिता सरोज मांझी, दोनों निवासी धनौती, थाना एकमा, जिला सारण के रूप में की गई है। बताया गया है कि उज्ज्वल कुमार व तन्या कुमारी रिश्ते में चचेरे भाई-बहन थे।

घटना की सूचना बीएचएम वाहिद अख्तर द्वारा एकमा थाना एवं अंचलाधिकारी अमलेश कुमार को दी गई। सूचना पाकर एकमा थानाध्यक्ष ध्रुव प्रसाद सिंह के निर्देश पर पुलिस अवर निरीक्षक नंदकिशोर सिंह पुलिस बल के साथ सीएचसी पहुंचे। जहां परिजनों का बयान लेने के बाद शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया। वहीं जानकारी पाकर पहुंचे एकमा अंचलाधिकारी अमलेश कुमार ने मृत बच्चों के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और सरकार द्वारा आपदा सहायता मद से प्रत्येक मृतक के परिवार को नियमानुसार चार लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने के प्रावधान की बात कही। बताया गया है कि तीनों बच्चे गांव के ही आंगनवाड़ी केन्द्र में पढ़ने के लिए जाते थे। यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि शनिवार को बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने के लिए गए थे अथवा नहीं। अगर गए थे तो घर आकर पोखरा की तरफ गए थे या आंगनबाड़ी केंद्र से ही पोखरा की तरफ चले गए थे। बहरहाल, इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों की हर आंखें नम है।

Leave a Reply

Recent Post