



राज्य में राम-जानकी पथ की लंबाई 240 किमी है। गोपालगंज, सारण, सिवान और पूर्वी चंपारण में इसके लिए जमीन की जरूरत है। पूर्वी चंपारण के चकिया में प्रवेश करने के बाद यह सड़क शिवहर और सीतामढ़ी से गुजरेगी
✍️ दिवाकर पाण्डेय, जिला न्यूज़ ब्यूरो
– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष)। राम जानकी पथ के लिए पूर्वी चंपारण जिले में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया रोक दी गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में एनएचएआई के अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछली समीक्षा बैठक की रिपोर्ट के अनुसार-इस पथ के लिए पूर्वी चंपारण जिले में भू अर्जन की कार्रवाई एनएचएआई (एनएचएआई) की ओर से हो रही है। एनएचआई की ओर से कार्य पर रोक लगाने की बात कही गई, जिसके कारण भू अर्जन की कार्रवाई लंबित है। पूर्वी चंपारण के हिस्से में जमीन अधिग्रहण रोकने के बारे में एनएचएआई सूत्रों का कहना है कि सड़क के एलाइनमेंट में परिवर्तन पर विचार किया जा रहा है। राज्य में राम-जानकी पथ की लंबाई 240 किमी है। गोपालगंज, सारण, सिवान और पूर्वी चंपारण में इसके लिए जमीन की जरूरत है। पूर्वी चंपारण के चकिया में प्रवेश करने के बाद यह सड़क शिवहर और सीतामढ़ी से गुजरेगी। सीतामढ़ी के भिट्ठामोड़ होते हुए नेपाल में प्रवेश करेगी। इन जिलों में सड़क की कुल लंबाई एक सौ तीन किमी है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गोपालगंज में इस परियोजना के लिए नए सिरे से डीपीआर बन रही है। इसके कारण भू अर्जन की कार्रवाई लंबित है। सारण जिले में मुआवजा वितरण की गति धीमी है।
जमीन के कुछ हिस्से का अधिग्रहण हुआ भी है तो उस पर एनएचएआइ को दखल कब्जा नहीं मिला है। सिवान में अधिग्रहण की गति इसलिए तेज नहीं हो पाई, क्योंकि इस जिले में भू अर्जन पदाधिकारी की नियमित नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी की नियमित नियुक्त होने भूमि सुधार उप समाहर्ता या किसी वरीय उप समाहर्ता को प्रभार देने का निर्णय लिया गया है।