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राजकीय मध्य विद्यालय बरवल में मिड डे मील का खाना खाने के उपरांत गुरुवार को सैकड़ों बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे

जिसके बाद अब अभिभावकों ने मिड डे मील की व्यवस्था के बाबत मोर्चा खोल दिया है

✍️ जगमोहन काजी, संवाददाता

–  अमिट लेख

हरनाटांड/बगहा, (ग्रामीण)। बगहा अनुमंडल अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय बरवल में मिड डे मील का खाना खाने के उपरांत गुरुवार को सैकड़ों बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे। जिसके बाद अब अभिभावकों ने मिड डे मील की व्यवस्था के बाबत मोर्चा खोल दिया है। अभिभावकों ने बीते दिवस शनिवार को राजकीय मध्य विद्यालय रतनमाला में एनजीओ द्वारा मिड डे मील का भोजन आपूर्ति किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया और अपने बच्चों को खाना नहीं खाने दिया। अभिभावकों का कहना है की एनजीओ द्वारा जो खाना बच्चों के लिए सप्लाई किया जा रहा है वह गुणवत्ता पूर्ण नहीं है। बच्चे उस खाना को खाकर बीमार पड़ रहे हैं। राजकीय मध्य विद्यालय रतनमाला में पहुंचे दर्जनों अभिभावकों ने मांग किया की पूर्व की भांति शिक्षकों के देखरेख में मिड डे मील बनवाया जाए या कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाए तभी उनके बच्चे खाना खाएंगे। दरअसल अभिभावकों का कहना है की एक एनजीओ द्वारा बगहा अनुमंडल क्षेत्र के 128 विद्यालयों में मिड डे मील का खाना आपूर्ति किया जाता है। इस हिसाब से एनजीओ द्वारा प्रतिदिन तकरीबन 11 हजार बच्चों के लिए खाना बनाया जाता है। ऐसे में आशंका है की रात का बासी खाना भी एनजीओ द्वारा आपूर्ति किया जाता होगा। यहीं वजह है की बच्चों को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत मिल रही है। उनके बच्चे यह खाना खाकर बीमार पड़ रहे हैं। बता दें की एनजीओ द्वारा सुबह 8 से 10 बजे के बीच सभी 128 विद्यालयों में खाना की आपूर्ति की जाती है। यह खाना एनजीओ द्वारा एक हीं जगह बनाया जाता है। ऐसे में अभिभावकों का मानना है की देर रात से हीं एनजीओ द्वारा खाना बनाना शुरू कर दिया जाता होगा। लिहाजा खाना की गुणवत्ता बिल्कुल खराब हो जाती होगी। यही वजह है की अभिभावक चाहते हैं की मिड डे मील पूर्व की भांति स्कूल में हीं शिक्षकों की निगरानी में बने। राजकीय मध्य विद्यालय रतनमाला के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया की उनके पोषण क्षेत्र स्थित विद्यालय में तकरीबन 40 से ज्यादा अभिभावक पहुंचे और एनजीओ द्वारा लाए गए मिड डे मील भोजन को अपने बच्चों को नहीं खाने दिया। प्रधानाध्यापक ने बताया की उन्होंने अभिभावकों को आश्वासन दिया की उनकी यह मांग वरीय पदाधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी।

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