



गर्मी का कहर, हीटवेव ने तीन दशक का तोड़ा रिकार्ड और जलस्तर किया नीचे
पपिंग सेट चलाने को लेकर किसानों पर आसमानी कहर के साथ क्षेत्र के अधिकारियों का भी हीटबेव कहर जारी, कई पपिंग सेट को किया जा रहा है जप्त (सूत्र)
जिलाधिकारी ने पंपिंग सेट जप्त पर जताई अनभिज्ञता, बताया नहीं दिया है कोई जप्त करने का निर्देश
✍️ सह-संपादक
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। इंद्र के प्रकोप एवं मानसून की बेरुखी से चंपारण में अकाल की काली छाया मंडराने लगी है। उसके साथ ही सूरज की तपिश और करीब 20 दिनों से चल रही हीटबेव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चला है। बुजुर्गों के अनुसार पिछले 3 दशकों से ऐसी भीषण गर्मी कभी नहीं देखी गई थी। 42 डिग्री से 45 डिग्री तक तापमान रिकॉर्ड किए गए हैं जो अपने आप में एक रिकार्ड तोड़ मिसाल है।
किसानों की आसमान की तरफ आस लगी हुई है। खरीफ की फसल मौसम की बेरुखी के कारण लगभग एक माह पीछे की ओर प्रतीत हो रहा है। खेतों में दरार पड़ गई हैं और धान के बिचड़े पूरी तरह से जल गए हैं। नहरों में पानी तो छोड़ा गया जिससे नहर के आसपास किसान धान के बिचड़े लगा दिए हैं और कुछ किसान धान की रोपनी भी कर दिए हैं। जो पटवन के अभाव में सुख रहा है। जिसे बचाने के लिए अगर कोई किसान पंपिंग सेट का सहारा लेकर पानी पटाता भी है तो वहां की स्थानीय पुलिस एवं अंचल के पदाधिकारी पंपसेट को जप्त कर ले रहे हैं। ऐसी लगातार सूचनाएं भी मिल रही है। इस बाबत मीडिया कर्मियों द्वारा जिलाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने ऐसे किसी भी आदेश से इनकार करते हुए आश्चर्य जताया। अब सवाल उठता है कि अंचल प्रशासन एवं पुलिस आखिर किसके आदेश से पटवन करने वाले किसानों का पंप सेट जप्त कर रही है जो एक गंभीर जांच का विषय है।