



अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
-अमिट लेख
आरा/भोजपुर। पिछले वर्ष 4 जुलाई को जैन कॉलेज में असामाजिक तत्त्वों द्वारा वहाँ के दो शिक्षकों पर जानलेवा हमला किया गया। इसके विरोध में शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में लंबी लड़ाई लड़ी, धरना दिया, प्रदर्शन किया। शिक्षकों की मांग थी कि वहां के तत्कालीन प्रभारी प्रधानाचार्य डा. नरेन्द्र कुमार को वहाँ से हटाया जाए और दोषियों पर न्यायिक कार्रवाई की जाए । इसके विपरीत वहां के प्रधानाचार्य ने शिक्षकों पर ही झूठा केस कर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया। तत्कालीन विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षक संघ के बीच एक समझौता हुआ कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी। जाँच कमेटी का गठन भी हुआ लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस संबंध में कोई करवाई नहीं हुई। इस बात को लेकर शिक्षक समाज व्यापक और घोर आक्रोश है। इसके कारण शिक्षकों ने आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया और “न्याय के लिए मौन गुहार” की। उक्त घटना के विरोध में वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय के सभी कालेज के शिक्षकों ने आज काला बिल्ला लगाकर कार्य किया। मुख्यालय स्थित सभी कॉलेजों के शिक्षकों ने वीर कुँवर सिंह की प्रतिमा के सामने इकट्ठा होकर 10 मिनट का मौन धारण कर प्रतीकात्मक विरोध किया। वीर कुंवर सिंह विश्वविधालय के प्रत्येक कॉलेज में 1.20 से 1.30 के बीच शिक्षकों ने एकत्रित होकर मौन प्रदर्शन किया। शिक्षकों का कहना है कि जब तक हमें न्याय नही मिल जाता तब तक हमलोग जनतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रखेंगे। शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि वह एक उच्चस्तरीय जाँच समिति का पुनः गठन कर शीघ्रातिशीघ्र जाँच संपादित कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करे अन्यथा शिक्षक इस आंदोलन को आगे और अधिक तेज करेंगे।