सुशील मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री पर क्यों उठाए सवाल
स्टेट हेड
– अमिट लेख
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जदयू राजद के बीच विवाद की खबरों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह के बीच तीखी बहस से साफ है कि राजद और जदयू के बीच सब कुछ ठीक तो नहीं है। उन्होंने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार फोन टैपिंग कर रहे है। सुशील मोदी ने कहा कि कौन किसके सम्पर्क में है और किससे किसकी क्या बात हुई, यह सब अगर मुख्यमंत्री को पता है। तो ऐसे में लगता है कि विधायकों के फोन टैप कराए जा रहे हैं और खुफिया विभाग के जरिए सब पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के 11 महीने बाद भी राजद को नीतीश कुमार मंजूर है। सुशील मोदी ने कहा कि राजद के लोग लालू प्रसाद यादव के चेहरे पर और जदयू के लोग भाजपा के वोट और पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव जीते है। सरकार बनाने वाले दोनों प्रमुख दलों में कोई भी नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव नहीं जीता है लेकिन नीतीश फिर भी सीएम है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विधायक सुनील सिंह से हमारे मतभेद हो सकते है लेकिन 27 साल से वे लालू प्रसाद के विश्वास पात्र है। कभी उन्होंने पलटी नहीं मारी. तो सुनील सिंह जैसे व्यक्ति की निष्ठा पर नीतीश कुमार कैसे सवाल उठा सकते है। जिनकी रैंकिंग अविश्वसनीय नेताओं में की जाती है। दर असल राजद जदयू के बीच विवाद की खबरें तब से ज्यादा गहराने लगी हैं। जब से नीतीश कुमार का गुस्सा सुनील सिंह पर फूटा और उन्होंने आरोप लगा दिया कि सुनील सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवाते हैं और उनके संपर्क में है। हुआ यूं कि पिछले दिनों सहकारिता को लेकर दिल्ली में बैठक हुई। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शिरकत की थी। इसी कार्यक्रम के दौरान सुनील सिंह और अमित शाह की मुलाकात भी हुई थी और दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। जिसको लेकर नीतीश कुमार काफी नाराज दिखे और महागठबंधन की बैठक में सुनील सिंह को खूब सुनाया। मामला इतना बिगड़ गया कि तेजस्वी यादव को बैठक के दौरान सुनील सिंह के पास जाकर उन्हें शांत कराना पड़ा। महागठबंधन की बैठक के तुरंत बाद फिर तेजस्वी के सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग पर भी आरजेडी विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें लालू यादव और तेजस्वी भी शामिल थे। इस बैठक के बाद सुनील सिंह के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह अब किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करेंगे, जैसा कि उन्हें लालू यादव की ओर से निर्देशित किया गया है। इस पूरी घटना से नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच पिछले कुछ दिनों में खटास बढ़ने के संकेत मिले है। खासकर तेजस्वी यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब स्कैम में चार्ज शीट दायर होने के बाद। आरजेडी जो पिछले कुछ समय से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बना रही थी, वह अब तेजस्वी के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट के बाद बैकफुट पर है और सुनील सिंह प्रकरण इसी का जीता जागता उदाहरण है। नतीजा यह है कि नीतीश कुमार लालू परिवार के सबसे करीबी नेता पर अब सीधा हमला बोल रहे है। बता दें कि सुनील सिंह आरजेडी एमएलसी होने के साथ-साथ बिस्कोमान के चेयरमैन भी है।