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Post: कोसी नदी कटान डुबान पीड़ित संघर्ष समिति का गठन

कोसी नदी कटान डुबान पीड़ित संघर्ष समिति का गठन

नेपाल के भू-भाग में कोसी बराज का निर्माण जब 1954 में शुरू हुआ उस समय नेपाल एवं भारत सरकार के बीच एक आधिकारिक सन्धि हुई थी

मिथिलेश कुमार झा, अनुमंडल ब्यूरो

–  अमिट लेख

वीरपुर, (सुपौल)। नेपाल के भू-भाग में कोसी बराज का निर्माण जब 1954 में शुरू हुआ उस समय नेपाल एवं भारत सरकार के बीच एक आधिकारिक सन्धि हुई थी।

जिसमे यह निर्णय लिया गया था कि दोनों तटबन्धों के बीच नेपाल के जिन गांव की जमीन कोसी नदी के डुबान एवं कटान क्षेत्र में पड़ेगा उस जमीन की क्षतिपूर्ति भारत सरकार प्रति वर्ष मुआवजे के रूप में देगी। उक्त सन्धि के मुताबिक सालो तक डुबान कटान के पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिलने पर कोसी ततबंन्ध के भीतर पड़ने वाले उदयपुर ,सुनसरी एवं सप्तरी जिले के बाढ़ पीड़ितों ने कोसी नदी कटान डुबान पीड़ित संघर्ष समिति का गठन किया है। जिसकी अगुवाई संयोजक महिनाथ चौधरी कर रहे हैं। संयोजक महिनाथ चौधरी ने बताया कि समिति की ओर से तीनों जिलों के बाढ़ पीड़ितों के 55 हजार जमीन की मुआवजा सन्धि के अनुरूप देने की मांग की गई है। जिसके लिए मुख्य अभियंता जल संसाधन ने भी अनुशंसा की है।मुआवजा प्राप्ति के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय, बिहार सरकार, भारतीय उच्चायुक्त, भारत के जल संसाधन मंत्री एवं विदेश मंत्रालय  को लिखा गया है। समिति की ओर से आगामी 26 जुलाई को कोसी बराज पर अपनी मांगों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा गया है तथा 08 अगस्त को कोसी बराज पर शांतिपूर्ण चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राजविराज में आयोजित बैठक में  शंकर सिंह राणा, सत्य नारायण प्रसाद आदि ने हिस्सा लिया।

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