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अरेराज, (सुमन मिश्र)। प्रखंड अंतर्गत मिश्रौलिया पंचायत के सिकटिया ग्राम के ओम शांति भवन में मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। कैंप का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार पांडे के द्वारा फीता काटकर किया गया। अपने संबोधन में श्री पांडे ने बताया कि चमकी बुखार शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इंसेफ्लाइटिस श्रेणी के सभी बुखार मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं और दिमाग को भारी नुकसान पहुंचता है। इस बुखार से संक्रमित होने वाले बच्चे अगर ठीक भी हो जाते हैं तो कई बच्चों में अंधेपन और दिमाग के विकार से जुड़ी समस्यायें दिखाई दे सकती है। दरअसल इस बुखार की वजह से मस्तिष्क की कोशिकाओं और तंत्रिकाओं सूजन या कोई अन्य दिक्कत आ जाती है ऐसी अवस्था को मेडिकल भाषा में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहा जाता हैं। चमकी बुखार संक्रामक होता है। चमकी बुखार के वायरस शरीर में पहुंचकर रक्त को संक्रमित करते हैं और समय के साथ संक्रमण बढ़ता चला जाता है। खून के साथ ये वायरस दिमाग तक पहुंच जाते हैं, मस्तिष्क में पहुंचने पर इस इंफेक्शन की वजह से कोशिकाओं में सूजन आ जाती हैं और शरीर का ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ बेकार हो जाता हैं।
चमकी बुखार में शुरुआत में तेज बुखार आता हैऔर तेज बुखार के कारण बच्चों के शरीर में ऐंठन होने लगती है और तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।
बुखार के दौरान ब्लड शुगर बहुत लो हो जाती है। बच्चा बेहोशी की अवस्था में चला जाता है, कुछ बच्चों को दौरे पड़ने भी शुरू हो जाते हैं।
तनाव की वजह से बच्चे जबड़े और दांत कस के बंद कर लेते हैं, जिसे दांत चबाना या भींचना भी कहा जाता है ज्यादा हालत खराब होने पर बच्चा कोमा में भी जा सकता है। इस बुखार में मृत्यु की सबसे बड़ी वजह शरीर में पानी और नमक की कमी होना है ऐसे में इस प्रभाव को कम करने के लिए बच्चे को पानी पिलाते रहें। बुखार तेज होने की स्थिति में ठंडे पानी की पट्टी दें और बुखार उतारने का प्रयास करें। यह एकदम शु्रूआती काम है, हॉस्पिटल पहुंचने तक बच्चे को ओआरएस का घोल देते रहें। इस बुखार का इलाज घर पर संभव नहीं है इसलिए जितनी जल्दी हो सके किसी अस्पताल में डॉक्टर की सेवा लेना शुरू कर दें। बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवाई अपने बच्चे को नहीं दे। चमकी बुखार का कोई भी लक्षण दिखाई देते ही तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा ठंडे वातावरण में रखें ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो। मेडिकल कैंप के प्रभारी व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार ने बताया कि पैथ काइंड के द्वारा मेडिकल कैंप में निशुल्क ब्लड शुगर कोलेस्ट्रोल हिमोग्लोबिन की जांच की गई। साथ ही मेडिकल कैम्प के माध्यम से निः शुल्क बीपी जांच वजन लंबाई व दवा वितरण किया गया कैंप के माध्यम से 128 रोगियों का इलाज किया गया। मेडिकल कैंप में डॉक्टर राजा कुमार, फार्मासिस्ट रामप्रवेश सिंह, पैथ काइंड के प्रतिनिधि अभिषेक कुमार, मंजेश कुमार, पूर्व मुखिया चंदेश्वर सिंह, सरपंच संजय सिंह, समाजसेवी रवि भूषण सिंह, भूपेंद्र सिंह ब्रह्मकुमारी नीतू बहन उपस्थित रहे।