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Post: हर मुहल्ले से ताजिया के साथ जूलूस में हजारों लोगो की उमड़ी भीड़

हर मुहल्ले से ताजिया के साथ जूलूस में हजारों लोगो की उमड़ी भीड़

जगदीशपुर के विभिन्न इलाके में हर मुहल्ले से ताजिया के साथ जूलूस में हजारों लोगो की भींड उमड़ी रही

अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो

– अमिट लेख

आरा/भोजपुर।  जगदीशपुर की वीर कुंवार सिंह की एतिहासिक नगरी में मुहर्रम के मौके पर जगदीशपुर के विभिन्न इलाके में हर मुहल्ले से ताजिया के साथ जूलूस में हजारों लोगो की भींड उमड़ी रहे। जैसे विभिन्न इलाको से खपटहां से होते हुए अस्पताल रोड एम डीएम रोड होते हुए, कोतवाली एम थाने के पास चौक से लेकर चोरास्ते होते हुऐ किला में अंदर दाखिल हो जाते है। जगदीशपुर नगर पंचायत के बाहर से दो ताजिया किला में दाखिल हो जाते है। एक बासौना पंचायत और संगमटोला से आने के साठ पठान टोली होते हुऐ, और चोरास्त से किला के अंदर दाखिल हो जाते है। अंजुमन फलाहुल मुस्लेमीन कमिटी के तरफ से पुरस्कार वितरण किया गया। जिसमे टॉप टू 10 में दस ताजिया को पुरस्कार जैसे बिसम टोला, राईन ब्रदर, चिकटोली, बसावाना, ख्वाजा मुहल्ला, शाह ब्रदर, शशिराम कसेरा वगैरह दिया गया। बाकी 16 ताजिया को समान पुरस्कार दिया गया। जगदीशपुर नागरी की एक एतिहासिक एक मिशाल यहां पर तीन ताजिया जो हिंदू भाई रखते है, आज दिन ताजिया अपने-अपने चौक से उठ कर बाबू बीर कुंवर सिंह के अंदर दाखिल हो गए। ताजिया के एक से एक बढ़ कर ताजिया आकर्षण देखा गया, कारीगरों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। भाई-चारे  की एक मिसाल पेश करते है। मुहर्रम के अवसर पर शहर में घरों से खिचड़ा समेत अन्य खाने-पीने की चीजे बनाकर फातिहा किया गया। के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में इमाम हुसैन समेत कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन तथा कर्बला में अन्य शहीदों की कुर्बानी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के युग में इमाम हुसैन की कुर्बानी विशेष महत्व रखती है। क्योंकि इमाम हुसैन ने यजीद जैसे शक्तिशाली तथा अत्याचारी बादशाह का मुकाबला अपने बहुत छोटे कुनबे को लेकर किया, जिसमें 90 साल के शहीद इबने औसजा और उनके छह माह के छोटा बच्चा अली असगर भी शामिल थे। अंजुमन फलाहुल मुस्लेमीन कमिटी के अध्यक्ष मोo मनान खान ने बताया कि मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। नये साल की शुरुआत इसी महीने से होती है। इसी मोहर्रम महीने में इमाम हुसैन के नवासे समेत अन्य लोगों को को यजीद के द्वारा शहीद कर दिया गया था। यजीद गलत को सही कहता था, लोगों पर जुल्म करता था। यजीद की बातों को इमाम हुसैन नहीं माने और इसका विरोध किया। जिसको लेकर इमाम हुसैन उस वक्त महज 72 लोगों के साथ जंग में खड़े हुए थे, जबकि यजीद लोगों की फौज मे कम से कम 30 हजार से अधिक लोग शामिल थे। जंग के दौरान सभी को याजीद द्वारा बेरहमी तरीके से कत्ल कर दिया गया था। अंजुमन फलाहुल मुस्लेमीन कमिटी के सचिव इजी० केमीकल अली ने कहा कि यहां तक कि उन लोगों ने इमाम हुसैन के 6 माह के मासूम बेटे को भी नहीं बख्शा, उसको भी कत्ल कर दिया था।इसके बावजूद भी इमाम हुसैन अपने हक के रास्ते पर कायम थे। जगदीशपुर के अनुसार अनुमंडल में मुहर्रम को शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। विधि व्यवस्था को लेकर अनुमंडल प्रशासन काफी मुस्तैद दिखी। शांति व्यवस्था को लेकर सभी संवेदनशील चौक चौराहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए थे। मौजुद रहे अनुमंडल पदाधिकारी सीमा कुमारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजीव चंद्र सिंह, माननीय विधायक राम विष्णु सिंह लोहिया जी, डॉक्टर अखिलेश सिंह समय हॉस्टिटल आर,अंजुमन फलाहूल मुस्लेमीन कमिटी के अध्यक्ष मो० मन्नान खान उपअध्यक्ष मो० जमीर अंसारी सचिव इजी० केमिकल अली उपसचिव अरशद कुरेशी, खजांची असलम,लालबाबू अंसारी एंकर साकिर अंसारी, नगर अध्यक्ष संतोष ,ताजिया कमिटी के अध्यक्ष बाबुद्दीन मंसूरी एम सचिव इशरार वारशी भोला खान, जेईई रौशन पांडेय, मिलंद चौधरी, उप चेयरमैन धनुपरा देवी,महताब अंसारी, असलम राजा,वार्ड पार्षद गोबिंदा कुमार, हुसैन खान, वीडियो राकेश कुमार, आरा विधानसभा महागठबंधन प्रत्याशी कयामुद्दीन अंसारी, अनरूला अंसारी, नौशाद अंसारी,समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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