



मशहूर गायक मो. रफी की याद में नागरी प्रचारिणी सभागार में फिल्म संगीत का कार्यक्रम ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे…आयोजित किया गया
✍️ अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
आरा/भोजपुर। व्यू प्वाइंट के द्वारा नागरी प्रचारिणी सभागार में मशहूर गायक मो. रफी की याद में नागरी प्रचारिणी सभागार में फिल्म संगीत का कार्यक्रम ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे…आयोजित किया गया। इसमें लगभग डेढ़ दर्जन कलाकारों ने 30 गानों की प्रस्तुति की। कार्यक्रम का उद्घाटन गायक धर्मेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, मो. अनवर अंसारी, इकबाल इल्मी, राजकुमार, गायिका अंजली भारदाज, और रजनी शाक्या ने दीप जलाकर और रफी साहब की तस्वीर माल्यार्पण कर किया। मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक व पत्रकार शमशाद ‘प्रेम’ ने रफी साहब की जिन्दगी से जुड़ी हुई कई बातों को बताया। उन्होने कहा कि रफी साहब एक अच्छे फनकार ही नहीं, बल्क एक अच्छा गायक भी थे। फिल्म संगीत के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। धर्मेन्द्र कुमार ने तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे… गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। तदोपरांत नवीन पांडेन ने क्या हुआ तेरा वादा…, अम्बे शरण ने परदेसियों से न अखिला मिळाना…., राजकुमार ने तुझको पुकारे मेरा प्यार… मनव्वर अंसारी ने ये दुनिया ये महफिस मेरे…, ऋषिका शमी ने अजी रूठकर अब कहां…, राजा राम शर्मा ने अंखियन संग अखियां…, रमेश कुमार ने दिल का सुना साजत तराना…, मो. फैजान ने चलो रे डोली उठाओ…, शमशाद ने जल्दी-जल्दी चल रे कहरा…,अलका शरण ने न झटको जुल्फ से पानी… को बखूबी गाया। वहीं सुनीता पांडेप ने तेरा मेरा प्यार अमर…, रजनी शाक्या वे मेरे ढोलना सुन.. सृष्टि ने छाप तिलक सब छीनी रे…, अंजली भारद्वाज ने मेरे नसीब में तू है कि नहीं… गीत को गाया। वहीं युग्ल गीतो में ऋषिका शर्मा व पीहू शमी ने मन क्यों बहका रे बहका.., धर्मेन्द्र कुमार व अंजली भारदाज ने जन्म-जन्म का साथ है.., नवीन पांडेय व सुनीता पांडेय ने झिलमिल सितारों का अंगन होगा…, अम्बे शरण व अलका शरण ने अपलम चपलम…, राजकुमार व संजना सिंह ने उड़े जब-जब जुल्फें…. की प्रस्तुति की। इनके अलावा, प्रत्यक्षा, विवेक पांडेय आदि ने भी गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन मेरे देश प्रेमियों…गीत से हुआ। कार्यक्रम में मो. रफी को भारत रत्न की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार गुंजन ज्ञानेंद्र सिन्हा, डॉ. विभा कुमारी, डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. दिनेश प्रसाद सिन्हा, डॉ. एस. के. रूंगटा, गुरुचरण सिंह, डॉ. अर्चना सिंह, सलील भारती, नाथूराम, सुधीर मिश्रा आदि मौजूद थे।