



आज एक सपना टूट गया ,एक गीत खामोश हो गया और एक लौ अनन्त में लुप्त हो गई
मिथिलेश कुमार झा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
वीरपुर (सुपौल)। आज एक सपना टूट गया ,एक गीत खामोश हो गया और एक लौ अनन्त में लुप्त हो गई। आज सिद्ध हो गया कि मृत्यु निश्चित है, शरीर अनित्य है। आज एक आज़ाद युग का अंत हो गया। चला गया मोतीपुर का कोहिनूर। सुपौल जिला अंतर्गत राघोपुर प्रखंड के मोतीपुर गांव के वॉर्ड संख्या-13 निवासी चन्द्रशेखर झा `आज़ाद’ गुरुवार को सुबह 85 वर्ष के आयु में बैकुंठधाम को गमन कर गए। मोतीपुर गांव ने आज अपना एक कर्मयोगी युगपुरुष खो दिया है। वो कोशी प्रोजेक्ट के अवकाश प्राप्त कोषपाल थे। सत्य ही कहा गया है कि जीवन के यथार्थ और नियति के सामने किसी की नहीं चलती। वो अपने परिवार और क्षेत्रवासियों के लिए एक दीपक की लौ थे। जो पूरी रात जलती रही, हर अंधेरे से लड़ी, सभी को रास्ता दिखाया और एक सुबह निर्वान को प्राप्त किया। वो दानवीर कर्ण की भांति अपने क्षेत्र के वंचितों और जरूरतमंदों की यथा सामर्थ्य मदद करते थे। आज वंचितों ने अपना आश्रय खो दिया।आम आदमी की आंखों की रौशनी चली गई। पर्दा गिर गया। वह जीवंत व्यक्तित्व,सभी तबके के लोगों को साथ लेकर चलने की वह प्रवृत्ति, वह परिष्कृत सज्जनता ,वह महानता शायद हमें निकट भविष्य में दोबारा देखने को ना मिलें। वैचारिक रूप से धर्मपरायण एवं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए वो प्रख्यात थे। उनके परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि वो उनके दिलों में सदा आजाद थे,आजाद हैं और आजाद रहेंगे। उनके निधन से परिवार ही नहीं,अपितु समस्त मोतीपुर ग्रामवासियों में शोक की लहर है।