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Post: सारण के शिवम ने बहुचर्चित इण्डियन आइडल सीजन 13 के फाइनल मुकाबले में मारी इंट्री

सारण के शिवम ने बहुचर्चित इण्डियन आइडल सीजन 13 के फाइनल मुकाबले में मारी इंट्री

इण्डियन आइडल सीजन 13 की प्रतियोगिता में सारण के शिवम सिंह ने अपनी शानदार गायकी से फाइनल मुकाबले में इंट्री पा ली है

आने वाले रविवार की रात दस बजे फाइनल प्रतियोगिता के विजेता का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा

– अमिट लेख

रिपोर्ट: रुचि सिंह ‘सेंगर’
छपरा (सारण)। सोनी इंटरनेशनल चैनल पर प्रसारित बहुचर्चित इण्डियन आइडल सीजन 13 की प्रतियोगिता में सारण के शिवम सिंह ने अपनी शानदार गायकी से फाइनल मुकाबले में इंट्री पा ली है। बताते चलें कि अगले सप्ताह के शनिवार तथा रविवार को प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले के लिए लगातार 26 घण्टे तक वोटिंग की प्रक्रिया चलेगी।

अन्य सप्ताह में दोनों दिन महज चार चार घण्टे तक ही वोटिंग लाइन खुला रखा जाता है। आने वाले रविवार की रात दस बजे फाइनल प्रतियोगिता के विजेता का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। टॉप 6 में शामिल सारण के 19 वर्षीय गायक शिवम सिंह ने अपनी लाजवाब गायकी तथा फर्राटेदार अदाकारी से इण्डियन आइडल कार्यक्रम के जजेज के साथ साथ करोड़ो दर्शकों पर अपने हुनर का लोहा मनवाने में सफल रहा है।

यही वजह है कि देश भर से चुने गए कुल 16 प्रतिभागियों के साथ महीनों से जारी मुकाबले में अपने हुनर एवम कठिन परिश्रम के बल पर दस प्रतिभागियों को पीछा छोड़ते हुए फाइनल मुकाबले में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने में सुदूर देहात का रहने वाला शिवम सफल रहा। सारण जिले के खैरा थाना क्षेत्र के ककढीयां गांव में जन्में गायक शिवम सिंह होश सम्हालने के बाद से ही अपने माता पिता के साथ बडोदरा रहने लगा। वहीं पर रहकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखने वाले सयाजीराव संगीत विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। शिवम फिलहाल संगीत विषय से स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र है। शिवम के दादा स्व रामजी सिंह अपने जमाने में गंवई स्तर पर प्रतिष्ठित तबला वादक थे। जबकि शिवम के पिता डॉ अश्विनी कुमार सिंह पहले मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय में वित्तरहित कॉलेज में लंबे समय तक प्राध्यापक रहे बाद में वे गुजरात के बडोदरा स्थित सयाजीराव संगीत विश्वविद्यालय में संगीत प्राध्यापक के पद पर बहाल हुए। शिवम की माता डॉ माधुरी सिंह भी संगीत विषय से पीएचडी कर चुकी हैं।

शिवम के पिता की संगीत की पढ़ाई तथा कठिन संघर्ष के दौरान उनके बेहद करीबी व सहयोगी रहे प्रयोगधर्मी गायक उदय नारायण सिंह का सानिध्य भी शिवम सिंह को मिला। इण्डियन आइडल प्रतियोगिता के दौरान भी वे मार्गदर्शक की भूमिका में खड़े रहे। खासकर शास्त्रीय संगीत के अलावा स्व महेन्द्र मिश्र व भिखारी ठाकुर की गीतों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले शिवम के पिता डॉ अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि शिवम महज तीन साल की उम्र से ही संगीत की शिक्षा ग्रहण कर रहा है। इससे पहले भी उसने संगीत के क्षेत्र में कई सफलता हासिल की है। कोरोना काल में उसने संगीत के क्षेत्र में उसने विश्व रिकार्ड तक स्थापित किया है। आज देश के अलावा विदेशों में शिवम के गायकी की चर्चा हो रही है। उसके अपने पैतृक गाँव ककढीयां तथा ननिहाल कोपा के बगही गांव में जश्न जैसा माहौल है। गांव के लोग शिवम की इस बड़ी उपलब्धि पर फुले नही समा रहे हैं। रिश्ते में शिवम के दादा व भूतपूर्व सैनिक प्रेम कुमार सिंह ने बताया कि शिवम के कार्यक्रम को देखने सुनने के लिए शनिवार एवम रविवार को उनके दरवाजे पर भारी भीड़ उमड़ती है तथा उनके परिवार से जुड़े लगभग ढाई सौ परिजन व रिश्तेदार शिवम से जुड़ी पल पल की खबरों पर एक साथ बैठकर चर्चा करते हैं।

यही स्थिति उसके ननिहाल बगही की भी है। शिवम के नाना तथा रिटायर्ड दारोगा भगवान शंकर सिंह ने बताया कि बगही के लोग शिवम से रोज रोज फोन पर बातें करके तथा सोशल मीडिया पर चैटिंग करके उसकी हौसला अफजाई करते हैं। शिवम के दादा व नाना गायक शिवम को गांव में बुलाकर उसकी खनकदार गीत सुनाने का प्रशंसकों को आश्वासन दे दे कर उन्हें सन्तुष्ट कर रहे हैं। खासकर भोजपुरी भाषी क्षेत्र के लोग शिवम को अपना बताकर उसके इण्डियन आइडल में टॉप करने के लिए दुआ व मन्नत मांग रहे हैं। उधर बडोदरा में बचपन से पले बढ़े शिवम को अपना बताकर गुजरात के लोग शिवम की सफलता के लिए अलग से अभियान चला रहे है। बचपन से अबतक शिवम अपने गांव तथा ननिहाल तीन चार बार शादी समारोहों में अपने माता पिता के साथ आ चुका है। घर में आयोजित समारोहों में अक्सर माता अथवा सिर्फ पिता ही ज्यादातर आते रहे हैं। शिवम भाई बहन में अकेला है। इंडियन आइडल का एपिसोड पूरा करने के बाद गायक शिवम ने सपरिवार छपरा आकर अपने प्रशंसकों से मिलने का आश्वासन दिया है।

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