



जहां गाहे-ब-गाहे पहुँचते रहते सूबे के मुखिया
इस सड़क से अस्तित्व जुड़ा है वीटीआर के जंगल सफारी का
सीएम के आगमन पर, अक्सर पाट दिया जाता है गड्ढों में माटी
जर्जर सड़क से दुर्घटना की बढ़ रही सम्भावना
– नन्दलाल पटेल की रिपोर्ट
वाल्मीकिनगर, (अमिट लेख)। भारत नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि नगर के हाई प्रोफाइल से जुड़े तीन नंबर पहाड़ स्थित सिंचाई विभाग के अतिथि भवन, इको पार्क, जंगल कैंप और जंगल सफारी के लिए प्रयुक्त होनेवाला मुख्य मार्ग जो जटाशंकर चेक पोस्ट से अतिथि भवन को जाता है, पूरी तरह जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुका है। ज्ञात हो, कि यह सड़क खतरनाक चढ़ाई और ढलान से भरपूर है। उतरते समय गति पर नियंत्रण रखना कठिन होता है। सड़क जर्जर होने के कारण इस सड़क पर दुर्घटना की संभावना काफी बढ़ गई है। ब
ता दें कि वाल्मीकिनगर पहुंचने वाले पर्यटक इसी मार्ग से वन विभाग के जंगल कैंप, इको पार्क और जंगल सफारी के लिए आते जाते हैं। वाल्मीकिनगर मुखिया पन्नालाल के अनुसार वाल्मीकिनगर पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर बिहार का गौरव है।
साथ हीं टाइगर रिज़र्व के रूप में इसकी ख्याति अब विश्वपटल पर चर्चाओं में है ऐसे में सड़क विकास की प्रमुख कड़ियों में से एक है जिसे दुरुस्त रखना बहुत हीं महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा की चुकी उक्त सड़क सिंचाई विभाग के कार्यक्षेत्र में है और विभाग के परिधि पर लगातार हो रहे सरकारी बदलाव के प्रयासों के कारण भी इस सड़क के जीर्णोद्धार का विषय वर्तमान समय में जटिल होता दिख रहा है। उन्होंने कहा की वाल्मीकिनगर का मुख्य अस्तित्व जलसंसाधन विभाग और यहाँ निर्मित गंडक बराज से जुड़ा है परन्तु राजनैतिक कारणों से लगातार इस महकमे को सिमेटने का काम किया जा रहा है, जो आनेवाले समय में इसके समूल अस्तित्व के लिए चिंतनीय है।
बताते चलें कि जटाशंकर चेक नाका से महज 150 मीटर की दूरी पर सड़क पूरी तरह जर्जर है। जबकि सरकार वाल्मीकिनगर को सवांरने की दिशा में हर कसौटी पर खड़ी नज़र आ रही है परन्तु स्थानीय पदाधिकारियों के उदासीन रवैयों के चलते अतिथि भवन से छाता चौक जानेवाली सड़क को वर्षों से उपेक्षित रखने की कवायद रची जा रही है,
जटाशंकर चेक पोस्ट से अतिथि भवन जानेवाली सड़क बदहाली के आसूं बहा रही हैं ऐसे में वीटीआर का इको पर्यटन के ढिंढोरे को सुन गाहे-ब-गाहे जंगल सफारी पर अन्य प्रांतों अथवा विदेशी पर्यटकों का वाल्मीकिनगर भ्रमण का मामला इस जर्जर सड़क को ले निश्चित शर्मसार करनेवाला प्रसंग है। जो बरबस ही सैलानियों को यह बुदबुदाने पर मजबूर करता होगा की ऊपर से टिप टॉप, भीतर मोकामा घाट….