भाजपा-आरएसएस ने जो माहौल बनाया है, उसके कारण दलितों-महिलाओं पर बढ़ रही है हिंसा-ऐपवा
सूदखारी के जकड़न में है बिहार का ग्रामीण समाज, सूदखोरी खत्म करवाए सरकार
बिहार सरकार द्वारा संज्ञान लेना सराहनीय लेकिन अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी हो, वरना कुर्की जब्त हो
माले की पहलकदमी पर पीड़ित महिला को मिला मुआवजा, सुरक्षा के किए गए तात्कालिक उपाय
न्यूज़ डेस्क, बेतिया
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। पटना जिले के खुसरूपुर प्रखंड के मोसिमपुर में एक दलित महिला की पिटाई और उसके मुंह पर पेशाब करने की बेहद क्रूर व अमानवीय घटना के खिलाफ आज बेतिया जिला पदाधिकारी के समक्ष भाकपा-माले व ऐपवा की ओर से संयुक्त प्रतिवाद मार्च कर सभा किया गया। प्रतिवाद सभा को भाकपा-माले जिला कमेटी सदस्य सुनील कुमार राव ने संबोधित करते हुए कहा कि खुसरूपुर में जो घटना हुई, वह मनुस्मृति वालों की घटिया मानसिकता का निकृष्ट उदाहरण है।
कुछ लोग कह रहे हैं कि यह तो बिहार का मामला है, इसमें भाजपा कहां से आती है। लेकिन असल सवाल यह है कि दलितों-महिलाओं को अपमानित करने और उन्हें सबक सिखाने की यह क्रूर मानसिकता आखिर ताकत कहां से पा रही है? मणिपुर में एक महिला को जैसे नंगा करके घुमाया गया और केंद्र सरकार उसका संरक्षण करती रही, इस कारण ऐसी मानसिकता बढ रह़ी है। लोग देख रहे हैं कि देश में एक ऐसी सरकार चल रही है जो महिलाओं के बलात्कार व हत्या पर चुप रहती है।
कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश में एक आदिवासी पर भाजपा के एक नेता ने पेशाब किया और फिर उसका वीडियो बनाकर प्रचारित किया। कार्रवाई के नाम पर भाजपा के उस नेता के घर का छज्जा भर तोड़ा गया। संसद के अंदर भाजपा का नेता गालियां की भाषा में बात करता है। ऐसी स्थिति में अपराधियों-हमलावरों का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा? इनौस जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि हमारी पहलकदमी पर खुसरपुर में रविदास टोले में पुलिस बल बैठा दिया गया है, पीड़ित महिला को एक लाख रु. का सहयोग मिला है, मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है, लेकिन ये सब पहलकदमियां सराहनीय होते हुए भी अपर्याप्त हैं। हमारी मांग हैं कि सभी अपराधियों और सूदखोरों को गिरफ्तार किया जाए और रविदास समुदाय के सभी 8 परिवारों का पुनर्वास कराया जाए। माले नेता सीताराम राम ने कहा कि किसी समुदाय को यदि ज्यादा अपमानित करना है, तो उसकी महिलाओं की इज्जत उतार दो, निर्वस्त्र कर दो. खुसरूपुर में यही हुआ।
महिला के पति को नहीं पीटा गया, बल्कि महिला के चेहरे पर पेशाब किया गया। यह मानसिकता देश के प्रधानमंत्री का बना हुआ है। वे तो मानते ही हैं कि जो दलित परिवार हैं उनका गटर में प्रवेश करना, भगवान का आध्यात्मिक आदेश है। यही मनुस्मृति कहता है। मनुस्मृति ही कहता है कि मन न लगे तो किसी भी महिला या दलित को पीट दीजिए। हमें इस मानसिकता पर चोट करनी होगी। ऐपवा नेत्री ललिता कुंवर ने कहा कि सभी अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हो. यदि अपराधी फरार हैं तो उनके घरों की कुर्की जब्ती की जाए। एक भी अपराधी बचना नहीं चाहिए। प्रकाश मांझी ने कहा कि बिहार में सूदखोरी एक काफी गंभीर समस्या है। इसके कुचक्र में दलित-गरीब उलझे हैं। हमने बिहार सरकार से बारंबार कहा है कि सूदखोरी का अंत होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। कुछ दिन पहले समस्तीपुर में एक ही परिवार के कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। खुसरूपुर में सूदखोर के आतंक से रविदास जाति के 8 घरों का टोला आतंक के साए में हैं। 5 लोग बाजाप्ता अपने घर में ताला लगा चुके हैं. हाल ही में 2 और लोग गांव छोड़कर भागने पर मजबूर हुए। सिर्फ यही परिवार बचा हुआ था, जिसे भी तबाह व बर्बाद कर दिया गया. इनके अलावा इस्लाम अंसारी, जवाहर प्रसाद, विनोद कुशवाहा, हारून गद्दी, मुखिया नवीन कुमार, वीरेंद्र राम, वीरेंद्र पासवान, नवी हुस्सन, मुहम्मद अनवारूल हक, सुनीता देवी, गेना देवी, ललिता देवी, धर्मेन्द्र राम, सउगआन्तई देवी, रम्भा देवी आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया।