स्वरांजलि सेवा संस्थान एवं रुद्र नेचुरल हनी व शॉप उद्योग के संयुक्त तत्वाधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर 122 वीं नारायणी गंडकी महा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया
– अमिट लेख, संवाददाता
वाल्मीकिनगर, (पटेल)। वाल्मीकिनगर- भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में स्वरांजलि सेवा संस्थान एवं रुद्र नेचुरल हनी व शॉप उद्योग के संयुक्त तत्वाधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर 122 वीं नारायणी गंडकी महा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ नेपाल के धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज, आचार्य पंडित उदयभानु चतुर्वेदी, संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी, मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद, ठाकुरबाड़ी नेपाल के पुजारी आनंद गिरि, थरूहट के सामाजिक कार्यकर्ता होमलाल प्रसाद, यूट्यूबर लक्ष्मी थारू, गायक नंदकुमार महतो, कोषाध्यक्ष शिवचंद्र शर्मा एवम् गायिका हिरवंती देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि धर्मपाल गुरु वशिष्ठ ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन ही आदि कवि महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था। आज की यह महा आरती उनको समर्पित है, जिनके नाम पर इस भूमि का नाम वाल्मीकि नगर पड़ा है। अश्विन पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा के दिन हम सब वाल्मीकि जयंती भी मनाते हैं।
आश्विन पूर्णिमा का विशेष महत्व धार्मिक ग्रंथो में बताया गया है । पंडित उदयभानु चतुर्वेदी ने कहा कि संगम तट पर यह महा आरती पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा के निमित्त की जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता होमलाल प्रसाद ने कहा कि शरद पूर्णिमा के पावन मौके पर संगम तट पर आयोजित होने वाली इस महा आरती में भाग लेने से जीवन धन्य हो जाता है। हमें इस दिव्य महा आरती में भाग लेने का मौका मिला है। मेरे जीवन का यह परम सौभाग्य है। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी ने कहा कि अपराह्न 4:05 से सूतक लग जाएगा ,इसलिए आज हम यह महा आरती सूर्यास्त के पूर्व कर रहे हैं। क्योंकि रात्रि 1:05 से चंद्र ग्रहण लगेगा। इस मौके पर गायिका हिरवंती देवी, गायक नंदकुमार महतो, गायक शिवचंद्र शर्मा, गायक राजा ने कई भजनों को प्रस्तुत किया। धर्मपाल गुरु वशिष्ठ ने भी भक्ति मय प्रस्तुति में भाग लिया। यूट्यूबर लक्ष्मी थारू ने कहा कि हम इस महा आरती के माध्यम से लोगों को धर्म से जोड़ना चाहते हैं। रुद्र नेचुरल हनी के निर्माता सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि लघु उद्योग को बढ़ावा मिले और यहां के लोग स्वावलंबी बने ऐसी कोशिश लगातार हमारे द्वारा की जा रही है। सुमन देवी ने कहा कि मशरूम उत्पादन, साबुन बनाना और शहद के निर्माण का सही तरीका,निः शुल्क प्रशिक्षण देकर लोगों को हम स्वावलंबी बना रहे हैं। संस्था के एमडी संगीत आनंद ने कहा कि यह महा आरती वाल्मीकि नगर की पहचान बनती जा रही है। कार्तिक पूर्णिमा की दिव्य महा आरती समाजसेवी अभिनव पाठक, उनकी धर्मपत्नी प्रियंका एवं उनके सुपुत्र आर्चिसमान द्वारा प्रायोजित होगी। इस मौके पर रामबाबू गुप्ता , वन कर्मी अनमोल कुमार, तूफानी ठाकुर, राजेश यादव आदि भी मौजूद थे। भक्त राजेश यादव ने शाकाहार को सबसे उत्तम आहार बताया। संचालन संगीत आनंद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन होम लाल प्रसाद एवम् यूट्यूबर लक्ष्मी थारू ने किया। कथा पूजा एवं हवन द्वारा विश्व शांति की कामना की गई। नारायणी गंडकी माता की जय, गंगा मैया की जय, वाल्मीकि धाम की जय, आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जय आदि नारों से महा आरती स्थल गुंजायमान रहा। संस्था को समय-समय पर सहयोग देने के लिए सेलीस्टियल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल थॉमस जॉन, राव एमआरआई सेंटर गोरखपुर ,वर्ल्ड मीडिया विजन दिल्ली के राजेश गुप्ता, वशिष्ठ डेरी उद्योग नेपाल के पवन भट्टराई, नवरत्न प्रसाद, जगदीश प्रसाद एवं सप्तचंडी ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष साधक बालकदास बाबा की भूरि भूरि प्रशंसा की गई। बताते चलें कि 6 नवंबर 2014 से इस महती का शुभारंभ किया गया था। वहीं दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज द्वारा भारत नेपाल सीमा पर घूम-घूम कर लावारिस दिव्यांग जनों को हर दिन भोजन दिया जाता है। इस दरिद्र नारायण भोज की शुरुआत 14 नवंबर 2012 से की गई है। इन दोनों पुनीत कार्यों की चर्चा करते हुए दिल्ली से आए भक्त रामबाबू गुप्ता ने संस्था के उत्कृष्ट कार्यो की सराहना की। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व घूमने आए सैलानी एवं शैक्षणिक परिभ्रमण में आए छात्र-छात्राओं ने भी इस महा आरती में भाग लिया।