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Post: धूमधाम से मनाई गई पावन सलीला नारायणी की 115वीं महाआरती

धूमधाम से मनाई गई पावन सलीला नारायणी की 115वीं महाआरती

मुख्य अतिथि सुधीर कुमार ने वाल्मीकि नगर की प्राकृतिक छटा को कश्मीर की तरह सुंदर बताया।

वाल्मीकिनगर से हमारे प्रतिनिधि
नन्दलाल पटेल :

वाल्मीकिनगर, (अमिट लेख)। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर 115 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस महाआरती कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजु देवी उर्फ अंजलि आनंद, संस्था के एमडी एवं समाजसेवी संगीत आनंद ,बंगलुरु से आए मुख्य अतिथि रेलवे के सीनियर टीटीई सुधीर कुमार, डॉक्टर मनीष कुमार, थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के सचिव होमलाल प्रसाद, वरिष्ठ नागरिक राधेश्याम शाही, विशिष्ट अतिथि बीएमपी की महिला सिपाही सुश्री रूपा कुमारी, पंडित अनिरुद्ध दूबे, शिक्षक चंदन कुमार, एडिटर स्वरांजलि सरगम, एवम् गायक करण भोजपुरिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।

मुख्य अतिथि सुधीर कुमार ने वाल्मीकिनगर की प्राकृतिक छटा को कश्मीर की तरह सुंदर बताया। एम्स के प्रशिक्षु चिकित्सक मनीष कुमार ने कहा कि संगम तट पर नारायणी गंडकी महा आरती का आयोजन करके पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के प्रति लोगों में जन जागरूकता पैदा की जाती है। पौधारोपण और प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा से ही ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकता है। समाजसेवी और संस्था के एमडी संगीत आनंद ने कहा कि संस्था द्वारा हर दिन भारत नेपाल सीमा पर दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज के माध्यम से लावारिस दिव्यांग जनों और जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन दिया जाता है । मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है। थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के सचिव होमलाल प्रसाद ने कहा कि 6 नवंबर 2014 से इस महाआरती का आयोजन संगम तट पर शुरू हुआ था। कुछ वर्षों तक यह महा आरती नेपाल के शिवालय घाट परिसर में भी हो चुकी है। शिक्षक चंदन कुमार ने कहा कि अच्छे कार्यों में तमाम विघ्न बाधा आती है। फिर भी जो अनवरत अच्छे कार्य को करते रहते हैं ,सफलता एक न एक दिन उनके कदमों को चूमती है। श्रीमती अंजू देवी ने कहा कि इसका शुभारंभ पूर्व कला संस्कृति मंत्री, वर्तमान लौरिया विधायक एवम् भोजपुरी जगत के नामचीन कलाकार माननीय विनय बिहारी और अश्वमेध पीठाधीश्वर स्वामी उपेंद्र पाराशर जी महाराज के पावन सानिध्य में हुआ था। इस महाआरती का इतिहास गौरवशाली है। इस अयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम श्रीमती रेणु देवी, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी , राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र दूबे, सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल, वाल्मीकि नगर सांसद सुनील कुमार, वर्तमान अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन, आदि जैसे दर्जनों जनप्रतिनिधियों की गरिमामई उपस्थिति हो चुकी है। गायक करण भोजपुरीया ने भोजपुरी भजनों को प्रस्तुत किया। वशिष्ठ डेरी उद्योग महलवारी नेपाल के सौजन्य से महाप्रसाद का इंतजाम किया गया। वहीं रूप मिलन के सौजन्य से अंगवस्त्रम द्वारा अतिथि गण सम्मानित किए गए। संस्था से जुड़े वरिष्ठ सदस्यों में राव एमआरआई सेंटर गोरखपुर, वर्ल्ड मीडिया विजन के राजेश गुप्ता, नेपाल के पवन भट्टराई, मोतीलाल ढकाल, नवरत्न प्रसाद, विद्यासागर राणा, थॉमस सर, चंदन जयसवाल आदि श्रद्धालु भक्तों की भूरी भूरी प्रशंसा की गई। संचालन संगीत आनंद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक चंदन कुमार ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सुधीर कुमार, वरिष्ठ नागरिक राधेश्याम शाही, एवं बीएमपी की महिला सिपाही सुश्री रूपा कुमारी को अंग वस्त्रम द्वारा सम्मानित किया गया। पंडित अनिरूद्ध दूबे ने चैत्र पूर्णिमा की महिमा बताते हुए कहा कि इस महीने में प्रभु श्री रामचंद्र जी का जन्म हुआ था। चैत्र नवरात्रि मनाते हैं। और इसी महीने में हम सभी छठ व्रत भी करते हैं। चैत्र पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्व है। संगम तट पर पूजा अर्चना करने से, महा आरती में शामिल होने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस मौके पर विशाल कुमार ,शिक्षक चंदन कुमार, चरित्र अभिनेत्री रीना देवी, मधु देवी, राजेश यादव, प्रकाश गेस्ट हाउस के प्रबंधक यश प्रकाश, फूलचंद राम, अखिलानंद आदि की भूमिका सराहनीय रही। सूर्यास्त के पश्चात हे नारायणी गंडकी माता आरती गाकर महा आरती की गई। विश्व शांति की कामना की गई । पूजा अर्चना एवं हवन द्वारा विश्व शांति और सुरक्षा की कामना तथा सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया गया। गंगा मैया की जय, वाल्मीकि धाम की जय, त्रिवेणी धाम की जय, नारायणी गंडकी माता की जय आदि जय जयकारों से महाआरती स्थल गुंजायमान होता रहा।

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