



विशेष ब्यूरो बिहार की रिपोर्ट :
2025 विधान सभा चुनाव में पांच चेहरे के लिए चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नही
प्रशांत किशोर ने राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान किया है हालांकि बिहार में पिछले दिनों हुए उपचुनाव से लेकर यूनिवर्सिटी के इलेक्श्नंस तक में उनकी पार्टी जन सुराज फिसड्डी ही साबित हुई है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट-लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज)। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी, जेडीयू आरजेडी और कांग्रेस चुनावी रणनीति तय करने में जुट गए हैं लेकिन कुछ नए चेहरे भी हैं जो इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे हालांकि बिहार की जनता का आशीर्वाद किसे मिलेगा यह तो चुनाव में ही पता चल सकेगा।
दरअसल, बिहार की राजनीति में पुराने और अनुभवी चेहरों का लंबे समय से दबदबा रहा है। वह चाहे आरजेडी हो, जेडीयू हो या बीजेपी समेत अन्य दल, वह पुराने चेहरों पर ही इस विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे हालांकि दूसरी तरफ कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे। यह चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा भी साबित होगी। इस बार के विधानसभा चुनाव में पांच चेहरों में से पहला चेहरा चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की है। आगामी विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान किया है हालांकि बिहार में पिछले दिनों हुए उपचुनाव से लेकर यूनिवर्सिटी के इलेक्श्नंस तक में उनकी पार्टी जन सुराज फिसड्डी ही साबित हुई है। ऐसे में बिहार विधानसभा का चुनाव उनके लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
दूसरा चेहरा कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार का है। पार्टी ने बिहार में युवाओं को गोलबंद करने की जिम्मेवारी उन्हें सौंपी है। पिछले दिनों कन्हैया बिहार सड़कों पर पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा करने के लिए उतरे थे हालांकि उन्होंने राज्य की जनता ने कुछ खास तवज्जों नहीं दी। कन्हैया बिहार के बेगूसराय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें निराशा हाथ लगी थी। इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा था लेकिन वहां भी वह अपना जलवा नहीं दिखा सके। अब एक बार फिर से बिहार की सियासत में उनकी एंट्री हुई है। ऐसे में उनके लिए भी बिहार का विधानसभा चुनाव एक अग्नि परीक्षा ही है। तीसरा चेहरा वीआईपी चीफ मुकेश सहनी का है। खुद को सन ऑफ मल्लाह कहने वाले सहनी के लिए भी बिहार विधानसभा का चुनाव खास है। बॉलीवुड से सीधे बिहार की सियासत में उतरने वाले सहनी ने साल 2018 में विकासशील इंसान पार्टी की नींव रखी थी। 2019 में उन्होंने महागठबंधन के साथ आम चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं मिली। 2020 में एनडीए के साथ उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा जिसमें पार्टी को चार सीटें मिलीं। अब एक बार फिर से वह महागठबंधन का हिस्सा हैं और विधानसभा की 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। देखना होगा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में वह क्या कुछ कर पाते हैं। चौथा चेहरा पुष्पम प्रिया चौधरी का है। पुष्पम प्रिया जेडीयू के एमएलसी रहे विनोद चौधरी की बेटी हैं। जब भी बिहार में विधानसभा का चुनाव आता है तो वह एक्टिव हो जाती हैं। पहली बार साल 2020 में उन्होंने बिहार के सभी अखबारों में एकसाथ विज्ञापन देकर खुद को बिहार के सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी प्लूरल्स बनाई और चुनाव में उतर गईं लेकिन प्रदर्शन काफी खराब रहा। अब जब विधानसभा का चुनाव आने वाला है पुष्पम प्रिया फिर से एक्टिव हो गई हैं। यह चुनाव भी उनके लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। पांचवां चेहरा बहुत ही खास है। पांचवा चेहरा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का है। बिहार की सियासत में पिछले कुछ समय से निशांत के सियासी एंट्री के कयास लगाए जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि निशांत बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन जेडीयू का कहना है कि निशांत जब चाहें पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं और जिस भी सीट से चुनाव लड़ना चाहें लड़ सकते हैं। यूं तो मीडिया दूरी रखने वाले निशांत पिछले कुछ समय से मीडिया में लगातार बयान दे रहें हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले निशांत बिहार की जनता को सरप्राइज दे सकते हैं।