शिक्षा विभाग ने बिहार बोर्ड को दिया जिम्मा
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
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पटना(विशेष ब्यूरो)। बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों की समक्षमता परीक्षा को लेकर बड़ी खबर आई है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बिहार बोर्ड की ओर से सक्षमता परीक्षा ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने बीएसईबी को इसके लिए प्राधिकृत कर दिया है। विभाग की ओर से सोमवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। सक्षमता पास करने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा। उन्हें परीक्षा देने का तीन बार मौका दिया जाएगा।बिहार में लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं। राज्य सरकार ने पूर्व में शिक्षक नियमावली में बदलाव कर उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीपीएससी की परीक्षा पास करने की बाध्यता रखी थी। इसका बड़े स्तर पर विरोध हुआ। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि वे नियमावली को बदलेंगे। फिर नीतीश कैबिनेट से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला लिया गया।इसके तहत नियोजित शिक्षक अब एक सामान्य सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बन सकते हैं। उन्हें बीपीएससी टीचर के समान ही वेतन लाभ और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। शिक्षा विभाग ने अब सक्षमता परीक्षा लेने के लिए बीएसईबी को अधिकृत किया है। पहले बीपीएससी को यह जिम्मा देने के भी कयास लगाए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि सक्षमता परीक्षा का पेपर बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति एग्जाम की तरह कठिन नहीं होगा। इसमें शिक्षकों का सामान्य टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें यह जांचा जाएगा कि क्या शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की न्यूनतम काबिलियत रखते हैं या नहीं।शिक्षा विभाग के अनुसार नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देने के अधिकतम तीन मौके दिए जाएंगे। यानी कि अगर पहली बार में कोई शिक्षक यह परीक्षा पास नहीं कर पाया तो उसके पास दूसरा और तीसरा अटेंप्ट भी होगा। हालांकि, तीनों अटेंप्ट में फेल होने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा। बीएसईबी जल्द ही इस परीक्षा का पैटर्न और तारीख संबंधी जानकारी घोषित करेगा।