गर्भपात की अनुमति के लिए पहली बार बना मेडिकल बोर्ड
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
अमिट लेख
पटना(विशेष ब्यूरो)। गर्भपात की अनुमति के लिए राज्य में पहली बार मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण गर्भपात के लिए आवेदन के तीन दिनों के अंदर बोर्ड इसका निपटारा करेगा। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 2021 (संशोधित) के सही तरीके से क्रियान्वयन के लिए राज्य में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें राज्य के 18 मेडिकल कॉलेज और सदर अके 72 डॉक्टर नामित है।बोर्ड में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक, रेडियोलॉजिस्ट, प्रसूति रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. किसी कार्यालय में कोई रिक्ति होती है, तो उसे चिकित्सा महाविद्यालय में अधीक्षक एवं जिला अस्पताल में सिविल सर्जन की ओर से मौजूदा संकाय/ कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारियों से मनोनयन कर भरा जाएगा।
गर्भवती स्त्री के जीवन की रक्षा को
● गर्भवती स्त्रत्त् के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य में होने वाली गंभीर क्षति के निवारण के लिए
● पैदा होने वाला बच्चा शारीरिक या मानसिक अपसामान्यताओं से पीड़ित या गंभीर रूप से विकलांग
● गर्भ निरोधक तरीके के विफलता के कारण हुआ है
चिकित्सा बोर्ड के कार्य
● स्त्री व उसकी रिपोर्ट की जांच
● चिकित्सीय समापन के लिए आवेदन प्राप्ति के 3 दिनों के भीतर स्वीकृत व अस्वीकृत करने के संबंध में राय देना
● यह सुनिश्चित करना कि आवेदन की तारीख से 5 दिनों में समुचित परामर्श के साथ सभी सुरक्षा पूर्व प्रावधान के साथ की जाए