राज्य सरकार दिव्यांगजनो के सशक्तिकरण हेतु है प्रतिबद्ध
न्यूज़ डेस्क,सुपौल
संतोष कुमार,प्रभारी ब्यूरो
अमिट लेख
सुपौल : दिव्यांगजनों के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छत्र योजना अन्तर्गत “सम्बल” के तहत कृत्रिम अंग एवं उपकरण का वितरण किया जा रहा है। दिव्यांगजनो में भी चलंत दिव्यांगजनों की मूलभूत आवश्यकता आवागमन है। इसमें एक विशेष श्रेणी छात्र/छात्राओं तथा रोजगारपरक व्यक्तियों की है, जिन्हें पढ़ाई अथवा रोजगार के लिए अत्यधिक दूरी तय करनी परती है। बदलते हुए परिपेकक्ष्य में शिक्षा एवं रोजगार हेतु आवागमन की गुणवत्ता पूर्ण सुविधा के लिए लोकोमोटर दिव्यांगजनों को बैट्री चालित ट्राईसाइकिल का लाभ दिया जा रहा है।
पात्रताः-
- लोकोमोटर दिव्यांगजन छात्र/छात्राएँ जिनका आवासन बिहार राज्य स्थित महाविद्यालय परिसर से 3 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर हो अथवा जो स्वावलंबन के उद्देश्य से बिहार राज्य में अपना रोजगार करते है और परिवार के कमाऊ सदस्य हों तथा उनके आवास से उनका रोजगार स्थल 3 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर हो।
- आय अधिकतम 2 लाख प्रति वर्ष।
- आयु 18 वर्ष या उस से अधिक।
- दिव्यांगता प्रतिशत न्यूनतम 60 प्रतिशत चलंत दिव्यांगता।
आवेदन कहाँ करें-
https://online.bih.nic.in/swf/swftc/
पिछले वित्तीय वर्ष में सुपौल जिला को राज्य सरकार द्वारा 209 आवेदनों का लक्ष्य दिया गया था. जिसके विरुद्ध कुल 300 दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्राईसाइकिल का लाभ दिया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार द्वारा लक्ष्य की सीमा नहीं दी गई है। इस वर्ष कुल 150 लाभुकों को लाभ दिया जा चुका है तथा लगभग 70 आवेदनों की जाँच प्रक्रिया जारी है। जिलाधिकारी महोदय के नेतृत्व में जिले में शत प्रतिशत योग्य दिव्यांगजनों को इस योजना का लाभ मिले इसके लिए लगातार प्रयास जारी है।
इस वित्तीय वर्ष में कुल 70 लाभुकों को केलिपर भी केम्प लगा कर दिया गया है। साथ ही साथ ऐसे दिव्यांगजन जिनका हाथ या पैर किसी कारणवश कट गया है उन दिव्यांगजनों के लिए दिसम्बर महिने में केम्प लगाकर सर्वे किया गया है उन्हें भी इस महीने के अन्त तक कृत्रिम अंग उपलब्ध करा दिया जाएगा। जिलाधिकारी महोदय के नेतृत्व में दिव्यांगजनों को मुख्य धारा से जोड़ने तथा उनके हर सम्भव विकास के लिए प्रयास लगातार जारी है।