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Post: नीतीश का बड़ा आदेश, आरजेडी के किसी मंत्री का न भेजें फाइल

नीतीश का बड़ा आदेश, आरजेडी के किसी मंत्री का न भेजें फाइल

हमारे प्रादेशिक विशेष ब्यूरो दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

बिहार में सियासी संकट बना हुआ है। नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ फिर से एनडीए में आने की चर्चा तेज है

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख

पटना, (विशेष ब्यूरो)। बिहार में सियासी संकट बना हुआ है। नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ फिर से एनडीए में आने की चर्चा तेज है। इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है की नीतीश ने तमाम अफसरों को आदेश दिया है की वो आरजेडी के किसी भी नेता के आदेश को निर्गत न करें। जानकारी के अनुसार, एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है की सरकारी अफसर आरजेडी के किसी भी मंत्री का कोई आदेश निर्गत न करें और न कोई फाइल भेजें। बता दें कि कल (शनिवार) को पटना में बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी सुनील तावड़े भी शामिल होंगे। इससे पहले दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेप नड्डा ने बिहार भाजपा के नेताओं के साथ बैठक की। इस मीटिंग में बिहार बीजेपी के प्रमुख सम्राट चौधरी, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी शामिल हुई। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक 28 जनवरी को जेडीयू-बीजेपी की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। बताया जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के साथ आने पर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, वहीं बीजेपी खेमे से दो उपमुख्यमंत्री होंगे। सुशील मोदी और रेणु देवी डिप्टी सीएम बनेंगी। उधर, विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावनाओं पर बिहार भाजपा के नेताओं ने समर्थन नहीं किया है। खबरों के मुताबिक़, बिहार में लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव नहीं कराया जाएगा। बता दें कि बिहार की सियासत में मची हलचल और नीतीश कुमार के फिर से पाला बदल कर बीजेपी के साथ जाने के कयासों के बीच फिलहाल पार्टी की तरफ से सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं आया है। इस बीच बीते दिन यानी गुरुवार को पटना में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार विमर्श किया।

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