हमारे जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :
देश आज आज़ादी का स्वर्णजयंती मना रहा है इसके बावजूद बगहा 2 के अंतर्गत एक ऐसा गांव जो अब तक आजादी लगभग 77 वर्ष बीतने के बावजूद विद्युत विहीन है
न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला
नसीम खान “क्या”
– अमिट लेख
बगहा, (जिला ब्यूरो)। देश आज आज़ादी का स्वर्णजयंती मना रहा है इसके बावजूद बगहा 2 के अंतर्गत एक ऐसा गांव जो अब तक आजादी लगभग 77 वर्ष बीतने के बावजूद विद्युत विहीन है। विडंबना है कि बरसात के दिन में यह गांव टापू बन जाता है। यह गांव लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत का चकदहवा गांव है। बताते चले की आजादी के लगभग 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी चकदहवा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है। विदित हो कि विगत कुछ वर्ष पूर्व सरकार के पहल पर विद्युत आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट लगाया गया था।वो भी रख रखाव के अभाव में हमेशा खराब ही रहता है।विगत दो माह से सोलर प्लांट खराब है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश बना हुआ है। ग्रामीणों में राजू बिन, पूरण साह,हीरा यादव सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि अधिकारियों के उदासीन रवैया होने के कारण हम ग्रामवासी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं।जहां सरकार आज लेटेस्ट टेकनलोजी पर काम कर रही है,वहीं हम लोग आज भी लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं। अगर जल्द ही हमारे समस्या का निदान नहीं हुआ तो हम सब धारणा प्रदर्शन करेंगे। साथ ही आगामी लोक सभा चुनाव में वोट का वहिस्कार भी करेंगे। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि गांव का एकमात्र सोलर प्लांट कभी-कभार मेंटेनेंस के बाद गांव वालों को अल्प अवधि के लिए गांव को प्रकाशमान कर जाता है। इस गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर आपात स्थिति में गांव वालों को लगभग 15 किलोमीटर जर्जर सड़क जो वन क्षेत्र से होकर गुजरती है के रास्ते अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। बरसात के दिनों में यह रास्ता इतना जर्जर हो जाता है की इस रास्ते से पैदल चलना भी मुश्किल होता है। बावजूद इसके ग्रामीण खाट पर मरीजों को लेकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं। चकदहवा गांव से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित विवादित सुस्ता गांव पूरी तरह संसाधन युक्त और विकसित होकर इस क्षेत्र को इसकी बेबसी याद दिलाता रहता है। नेपाली क्षेत्र का विवादित सुस्ता गांव सड़क बिजली और स्वास्थ्य सुविधा से पूरी तरह परिपूर्ण है।