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Post: नहरों की सफाई के नाम पर लूटा जा रहा सरकारी खजाना

नहरों की सफाई के नाम पर लूटा जा रहा सरकारी खजाना

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :

विभागीय धन उगाही के निमित्त सरकारी कार्य के निष्पादन में कराई जा रही लीपा पोती के विरुद्ध किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ब्यूरो डेस्क)। जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र के एमबीसी नहर की सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता हो रही है। 166 आरडी से इटवा चौक तक नहरों की सही ढंग से बांध मरम्मती व मिट्टी बाहर नही निकाली जा रही है।

फोटो : संतोष कुमार

बल्कि साफ-सफाई के बजाय नहर की गहरीकरण किया जा रहा है। सफाई के नाम पर सरकारी खजाना को लूटा जा रहा है। जिस कारण नहर के अंतिम छोड़ व बहियार सहित अन्य खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद किसान को न के बराबर है। इस कारण किसान भी चिंतित है। मालूम हो कि पूर्व में जहां नहरों की सफाई मजदूर कुदाल और फाबारे से करते थे। वही अब पोकलेन मशीन साफ-सफाई किया जाता है। पोकलेन मशीनों से साफ-सफाई के बजाय नहर की गहरीकरण ही होते जा रहा है। इस कारण नहरों का पानी खेतों में पहुंचना किसानों के लिए काफी कठिन हो गया है। किसानों को पपिंग सेट लगाकर नहरों का पानी पाइप के सहारे खेतों में पहुंचना पड़ता है। अनुमंडल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली नहर की हालत कुछ अधिक खराब है। विभाग द्वारा साफ-सफाई के नाम पर पोकलेन मशीन से गाढ़ निकालने में खानापूर्ति कर रहा है। वही नहर बांध पर लाखों की लागत से पंचायत मद से बने नव निर्मित ईट सोलिंग को उखाड़ कर फेंक रहा है। साफ-सफाई के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। किसानों का कहना कि यदि सरकार नहरों पर ध्यान नहीं दे सकती तो यह काम किसानों को सौंप दे, हम खुद सफाई करके दिखाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर के पैसा ले भागते हें जिसके कारण नहरों का पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाता और पीछे ही व्यर्थ चला जाता है। किसानों ने बताया कि नहर की सर्विस रोड एकदम पक्की सड़क बनी है। पोकलेन मशीन नहर की मिट्टी निकालकर सड़क के ऊपर छोड़ दे रहे हैं जिससे उसपर चलने वालों को बहुत समस्या हो रही है। पूरा रास्ता उबड़-खाबड़ बन गया है। धूल उड़कर लोगों के स्वास्थ्य को खराब कर रहा है। विभाग के अधिकारी फोन करने पर या तो रिसीव नहीं करते और यदि रिसीव कर लिए तो केवल आश्वासन देकर टरका देते है। संबंधित अधिकारियों की कान पर जूं नहीं रेंगती । इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी से जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए । सही ढंग से जांच व कार्रवाई नही होने पर किसानों ने आंदोलन की भी चेतावनी दी है। नहर के सिंचाई विभाग डिवीजन त्रिवेणीगंज के अवर प्रमंडल पदाधिकारी प्ररेणा वर्णवाल ने बताया कि नहर की सफाई में हो रही खानापूर्ति को नकारते हुए कहा कि काफी मिट्टी निकाली जा रही है। खरीफ सीजन शुरू होने वाला है इसलिए सिल्ट भर जाएगी। सफाई कार्य की सुरूआती दौर है। काम अभी समाप्त नही हुई है। किसानों के खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा।

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