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नावेल्टी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित एक अनमोल पुस्तक है “बिन पानी क्या जिंदगानी”

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :

जल जीवन हरियाली के महत्व को बताती यह पुस्तक पठनीय है

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल

– अमिट लेख

सुपौल/वीरपुर, (ब्यूरो डेस्क)। ” बिन पानी क्या जिंदगानी” नावेल्टी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित एक अनमोल पुस्तक है। इसके लेखक बबन पांडे है। जल ही जीवन है। तभी तो प्रकृति ने तीन भाग जल और एक भाग स्थल की संरचना की है। ग्लोबल वार्मिंग खतरे की घंटी बजा रही है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, घटता भू गर्भीय जलस्तर, चिंता का विषय है। जल प्रबंधन और जल संचयन के फायदे से रूबरू कराने वाली यह पुस्तक काफी पसंद की जा रही है। जल जीवन हरियाली के महत्व को बताती यह पुस्तक पठनीय है। आज नदियां सूख रही है। जिन नदियों में कभी सालों भर पानी रहता था, उन नदियों में भी जलस्तर की कमी हो रही है। बाग बगीचे कट रहे हैं और वहां आवास का निर्माण हो रहा है। लेखक जल संसाधन विभाग बिहार में अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि पानी के बिना मानव जीवन. जीव जंतु पेड़ पौधे सहित इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती। सबों के लिए पानी जरूरी है। आज देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां गर्मी की शुरुआत होते ही पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

लेखक : बबन पाण्डेय

लेखक बबन पांडे विभिन्न शिक्षाप्रद लेख कविता और कहानियों द्वारा आम लोगों को एक नई सीख देने की कोशिश करते रहे हैं। आकाशवाणी भागलपुर से भी इनकी कई उत्कृष्ट रचनाओं का प्रसारण हो चुका है। राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में भी इनकी रचनाएं छपती रही है। जल संसाधन विभाग की उपलब्धियों से भी यह पुस्तक रूबरू कराती है। सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली से संबंधित चलाई जा रही योजनाएं तो कारगर है, यदि हर मनुष्य अपना कर्तव्य समझे तो जल संचयन और जल प्रबंधन द्वारा हम घटते जल स्तर पर काबू पा सकते हैं।जब तक हम प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करने का संकल्प नहीं लेंगे तब तक हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं होगा। लेखक बबन पांडे द्वारा लिखित यह पुस्तक बिन पानी क्या जिंदगानी लोगों द्वारा पसंद की जा रही है। लेखक ने आगे बताया कि आगे भी ऐसी शिक्षाप्रद पुस्तक लिखने हेतु वे सतत प्रयत्नशील रहेंगे।

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