जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
रात के अंधेरे में किया गया सड़क निर्माण
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के पिपरा प्रखंड क्षेत्र के महेशपुर वार्ड नंबर 13 सिहरौल गांव में सड़क निर्माण में अनियमितता को लेकर गांव वालों में भारी आक्रोश है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। दरअसल महेशपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13 सिहरौल गांव में सड़क निर्माण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है। कि देर रात सड़क निर्माण कंपनी द्वारा रात के अंधेरे में सड़क पर पिचिंग का कार्य आनन फानन में कर दिया गया है।
जिसमे विभागीय निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई है। सड़क को बिना साफ सफाई किए उसपर पिचिंग कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि मात्र छे महीने पहले जिला परिषद के योजना मद से की गई ढलाई सड़क पर भी जबरन पिचिंग का कार्य कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है। कि सड़क पर पिचिंग किए जाने के बाद उसपर रोलर नहीं चलाया गया है। जिससे सड़क पर बिछाया गया गिट्टी उबड़ खाबड़ बन गया है और महज एक दिन में ही गिट्टी उखड़कर आसपास बिखर गया है।
सड़क निर्माण में बरती गई इस अनियमितता को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोश में है। योजना से संबंधित बोर्ड लगाए बिना ही यह कार्य रात के अंधेरे में किए जाने से गांव वाले काफी आक्रोशित है और आरोप लगाया है कि सड़क निर्माण में व्यापक अनियमितता बरती गई है। ग्रामीणों का कहना है कि किस मद से और किस योजना से कितनी लागत का यह सड़क बन रहा है इसको छुपाने की कोशिश की गई है। लोगों ने जिला प्रशासन से इस सड़क की जांच करवाने और दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। सूत्र से जानकारी मिली है कि यह सड़क निर्माण कार्य ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल त्रिवेणीगंज के अधीन किया गया है।
खास बात यह है कि हमने जब ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल त्रिवेणीगंज के एसडीओ रंजित कुमार से इस बाबत पूछा तो उन्होंने सड़क निर्माण को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है। वहीं इस बाबत कार्यपालक अभियंता गिरिजानंद सिंह ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल त्रिवेणीगंज ने कहा कि इस तरह की योजना की उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने योजना की जांच का आश्वासन दिया है। खास बात यह है कि विभागीय अभियंता कैमरे पर कुछ भी बोलने से परहेज किया है। अब सवाल उठता है कि बिना योजना संबंधित बोर्ड लगाए जब किसी गांव में रात के अंधेरे में आनन फानन में संवेदक द्वारा सड़क निर्माण कार्य कर लिया जाय और किसी को कानो कान भनक भी नहीं लगे। खासकर विभाग को भी इसकी जानकारी नहीं हो तो चर्चा होना लाजिमी हो जाता है। ऐसे में विभाग को चाहिए कि संबंधित योजना की जांच कर समुचित पहल की जाय। ताकि ग्रामीणों को सरकार द्वारा संचालित योजना पर विश्वास कायम रह सके।