विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
नियमों को किया तार-तार, एक ही चिट्ठी में खास अफसर की दो-दो बार पोस्टिंग
स्थानांतरण की अधिसूचना जारी होने के बाद तरह-तरह की चर्चा शुरू है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार में जून महीने में मंत्री स्तर से विभागीय अधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन होता है। नीतीश सरकार ने शर्त यह रखी है कि जिनकी पदस्थापन अवधि तीन साल पूरी हो गई हो, उन्हें दूसरी जगह पर स्थानांतरित की जाय। विशेष परिस्थिति में ही तीन साल से कम अवधि से वाले अफसरों को इधर से उधर किए जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
हालांकि, 2024 में नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों ने सारी सीमाएं लांघ दीं। इस बार जेडीयू कोटे वाले विभाग में स्थानांतरण-पदस्थापन अधिसूचना में भारी गड़बड़ी की शिकायत है। हालांकि शिकायत रहने से भी क्या होगा…यहां तो सुशासन राज है, स्थानांतरण आदेश रद्द होगा नही। मद्ध निषेध व निबंधन विभाग ने तो हद कर दिया। चहेते की पटना में पोस्टिंग को लेकर कुछ माह पहले ही पदस्थापित किए अधिकारी को हटा दिया,उनकी जगह पर चहेते की पोस्टिंग की गई। वहीं निबंधन वाले पार्ट में भी निबंधन सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण में नियमों का पालन नहीं किया गया। वैसे सब रजिस्ट्रार को भी बदल दिया गया जिनका उस स्थान पर पदस्थापन के एक साल या उससे अधिक हुआ था। निबंधन सेवा के कई ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें कम समय में ही बदली कर दी गई। मद्ध निषेध विभाग में स्थानांतरण-पदस्थापन आदेश के बारे में बताते है। यहां भी खुल्लम खुल्ला गड़बड़ी की गई। विभाग के उप सचिव निरंजन कुमार की तरफ से 30 जून को अधिसूचना संख्या-2574 जारी की गई। इस अधिसूचना में बीएसबीसीएल में पदस्थापित इंस्पेक्टर गोपी कृष्ण कुमार (गृह जिला पटना) है, उन्हें अपने ही वेतनमान में ग्रुप सेंटर पटना का अधीक्षक बना दिया गया। जबकि वहां पदस्थापित अधीक्षक रंजन प्रसाद (गृह जिला पटना) को स्थानांतरित कर ग्रुप सेंटर भागलपुर का अधीक्षक बना दिया गया। इस बार सिर्फ एक ही अधीक्षक की बदली की अधिसूचना जारी की गई. हद तो तब हो गई जब चहेते इंस्पेक्टर गोपी कृष्ण कुमार को पटना में बने रहने देने के लिए कुछ माह पहले ही ग्रुप सेंटर पटना में अधीक्षक के पद पर पदस्थापित किए गए रंजन प्रसाद को हटा दिया गया और वहां इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की अधीक्षक के रूप में पोस्टिंग कर दी गई। अब दूसरी गड़बड़ी पर आइए. मद्ध निषेध विभाग ने 30 जून 2024 को लेटर नंबर 2581 से आदेश जारी किया है। संयुक्त आयुक्त मद्ध निषेध कृष्ण कुमार के हस्ताक्षर से पत्र जारी हुआ। इस आदेश पत्र में भी बड़ा खेल किया गया है। इसमें एक ही सहायक अवर निरीक्षक की दो बार बदली की गई। आदेश में शब्दों का खेल किया गया है. जरा खेल को समझिए…. लेटर नंबर 2581 से कुल 111 सहायक अवर निरीक्षकों की बदली की गई है। जिसमें 23 वें नंबर पर हैं…’राकेश कुमार राम’ गृह जिला सारण, वर्तमान पदस्थापन टास्क फोर्स पटना, जिन्हें गोपालगंज में पदस्थापित किया जाता है। अब आईए लिस्ट के अंतिम छोर पर। 111 वें नंबर पर लिखा गया है ‘राकेश कुमार राम’.. गृह जिला छपरा, वर्तमान पदस्थापन- ईआईबी पटना, जिन्हें ग्रुप सेंटर मुजफ्फरपुर में पदस्थापित किया जाता है और हाजीपुर में प्रतिनियुक्त किया जाता है। दोनों जगह नाम एक यानि ‘राकेश कुमार राम’। एक जगह पर गृह जिला सारण लिखा है और दूसरी जगह पर छपरा। सारण कहिए या छपरा,दोनों एक ही है। अब आइए पूर्व पदस्थापन वाली जगह पर, ईआईबी पटना और टास्क फोर्स पटना, दोनों एक ही है। यानि एक ही सहायक अवर निरीक्षक राकेश कुमार राम को दो बार पदस्थापित कर दिया गया है। इस खेल के पीछे की मंशा क्या है, यह तो मद्ध निषेध के हाकिम ही बता सकते है। निबंधन सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण में भारी खेल किया गया है बताया जाता है कि दर्जन भर ऐसे अवर निबंधक हैं, जिन्हें अल्प अवधि में ही बदली कर दी गई। स्थानांतरण की अधिसूचना जारी होने के बाद तरह-तरह की चर्चा शुरू है। कोई खेल की बात कर रहा तो कोई कृपा बरसाने की। हालांकि अधिसूचना देखने से स्पष्ट हो रहा है कि कुछ न कुछ तो है, तभी तो इस बार के स्थानांतरण में इस तरह की बात सामने आ रही है। पिछले साल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सीओ के स्थानांतरण में भारी गड़बड़ी किए जाने की शिकायत थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया था। हालांकि वो विभाग राजद के कोटे में था। यहां तो मद्ध निषेध व निबंधन विभाग जेडीयू कोटे में है। ऐसे में कुछ होगा, इसकी संभावना कम ही है।