बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :
नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर पालिका, नगर निगम को योजनाओं की चयन प्रक्रिया से बाहर कर लोकतंत्र का गला घोंटा है, भाजपा-और नीतीश की सरकार : वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार सरकार द्वारा मानसून सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों से बिना बहस के नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 पारित कर दिया गया। इस संशोधित विधेयक में नगर पालिका की शक्ति को सरकार ने समाप्त कर दी है। नये कानून के मुताबिक योजनाओं के चयन प्रक्रिया से तमाम नगर निकायों को अलग कर दिया गया है, अब अफसरों का मनमानी और तानाशाही चलेगी उक्त बातें भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। आगे कहा कि सभी पार्षद जनता के वोट से चुनकर आते हैं उनके लिए काम करते है, लेकिन सरकार नगर पालिकाओं पर अंकुश लगाने के लिए इस नए संशोधन विधेयक को पास कर उसकी शक्ति समाप्त की है। आगे माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा है कि नीतीश सरकार की मनमानी और तानाशाही देखें की नयें विधेयक के मुताबिक पूरे बिहार में पैलर नगर निगम मनाया गया है, जिसमें प्रभारी मंत्री अध्यक्ष होंगे। नगर आयुक्त मेंबर होंगे। वहीं जिला पदाधिकारी सदस्य रहेंगे इसके अलावा अन्य सदस्य सचिव के रूप में तो एमपी, एमएलए, और एमएलसी मेंबर होंगे। वहीं मेयर को बाहर रखा गया है यानी नगर पालिका संशोधन विधेयक में मेयर को अधिकारियों के अधीन कर दिया गया है।जो, भी नगर निकाय में काम होंगे उसका निर्णय अधिकारी लेंगे, फिर चुनाव जीत कर आये नगर पार्षद और मेयर किस लिए हैं। सरकार की तानाशाही देखें की इस विधेयक पर गजट निकाल दिया है, जिसका हमारी पार्टी सक्रिय रूप से विरोध कर रहीं हैं। यह नगर निगम को पावरलेस करने की साजिश है। इसे बिहार की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।