(एक्सक्लूसिव खबर)
जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
अधिकारियों की एकतरफा कार्रवाई की जद में वार्डेन
दिव्यांग बच्चियों के लिए अलग से टीचर, घटना के दिन बगैर बताए थी गायब
वार्डेन ने एकतरफा कार्रवाई बताते हुए समुचित जांच की मांग की
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। कस्तूरबा विद्यालय से गायब हुई दिव्यांग बच्ची लक्ष्मी कुमारी मामले में त्वरित करवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने वार्डेन प्रेमा कुमारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए तत्काल प्रभाव से मरौना केजीभीपी ज्वाइन करने का निर्देश देते हुए प्रेमा कुमारी पर कई गम्भीर आरोप लगाया है।
वही मामले में वार्डेन प्रेमा कुमारी ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताते हुए समुचित जांच की मांग की है। बता दे की सोलह सितम्बर को कक्षा छः की दिव्यांग छात्रा लक्ष्मी स्कूल की छोटी दीवार से कूद कर गायब हो गई। इसकी जानकारी के बाद विभाग में हड़कम्प मच गया। तत्क्षण ही चाइल्ड हेल्प लाइन जिला बाल संरक्षण इकाई सहित अनुमंडल कार्यालय को इसकी सूचना देते हुए खोजबीन शुरू की गई। इस दौरान बच्ची सुपौल रेलवे स्टेशन से बरामद कर ली गई। वहां से बच्ची को चाइल्ड हेल्प लाइन जिला बाल संरक्षण लाया गया। वहा से पुनः केजीभीपी सुपौल लाया गया और बच्ची को उनके पिता व वार्डेन को सुपुर्द किया गया। विभाग का कहना है कि बच्ची गायब होने के छह घन्टे बाद इसकी सूचना विभाग को दी गई। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय से बच्ची किन परिस्थियों में निकली यह जांच का विषय है। लेकिन विभाग के निशाने पर वार्डेन प्रेमा कुमारी आ गई। वार्डेन प्रेमा कुमारी का कहना है कि दिव्यांग बच्चियों को लेकर पहले भी विभाग को पत्र भेज कर इसकी जिम्मेदारियों के सम्बंध में असमर्थता जाहिर करते हुए इसकी सूचना विभाग को दी गई। जबकि दिव्यांग बच्चियों के लिए अलग से टीचर स्कूल में मौजूद है उनकी जिम्मेदारी बनती है कि बच्चियों की देख-रेख करे लेकिन घटना के दिन बगैर बताए कार्यरत शिक्षिका संगीता जयसवाल अनुपस्थित थी। इसकी भी जांच होनी चाहिए लेकिन अधिकारियों ने एकतरफा कार्रवाई की जद में लाते हुए सुपौल से मरौना स्थांतरित कर दिया गया। वार्डेन प्रेमा कुमारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मामले समुचित न्याय की मांग की है।