जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
सुपौल जिले में दुर्गा पूजा मानना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आसान नहीं
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के बाढ़ त्रासदी के बीच दुर्गा पूजा नवरात्र तीन अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। जानें नौ दिनों की पूजा का महत्व सनातन धर्म में नवरात्रि का अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा को समर्पित होता है।और इसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि विशेष रूप से भारत के विभिन्न भागों में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि-विधान से की गई उपासना भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती है और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि तीन अक्तूबर से प्रारंभ हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। जिससे इस महापर्व की शुरुआत होती है। बाहर अक्तूबर को विजयादशमी के दिन नवरात्रि का समापन होगा, जिसे देशभर में विजय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर अवतरित होती हैं। और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। हर वर्ष मां दुर्गा की सवारी वार दिन के अनुसार बदलती रहती है। इस वर्ष नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान किस वाहन पर होगा, यह भक्तों के लिए विशेष रुचि का विषय रहता है। शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा के वाहन के रूप में बदलाव वार के हिसाब से होता है।जो शुभ-अशुभ फलों का प्रतीक होता है। दरअसल, माता के प्रस्थान की सवारी वार अनुसार तय की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल मां दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी और उनके प्रस्थान का वाहन क्या होगा। माता रानी के आगमन की सवारी के साथ ही तीन अक्तूबर गुरुवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन माता का आगमन जब पृथ्वी पर होता है, तो मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। माता का आगमन पालकी या डोली में होगा।