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रामनगर राज घराना राजा रानी के विवाद के कारण सुर्खियों में

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

बिहार के राजघरानों में हीरे जवाहरात को लेकर मशहुर रामनगर राजघराना राजा रानी के विवाद के कारण इन दिनों खास चर्चा में शुमार है 

रानी तकरीबन 32 वर्षों बाद अपने हक-हकुक और विरासत की दावेदारी को लेकर राज दरबार लौटी हैं।

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। राजघराने की रानी तकरीबन 32 वर्षों बाद अपने हक-हकुक और विरासत की दावेदारी को लेकर राज दरबार लौटी हैं। पुलिस अभिरक्षा में महारानी को राजदरबार ले जाया गया लेकिन राजा संजय विक्रम शाह अब रानी सरिता शाह को राजमहल में रखने को तैयार नहीं हैं।

रानी सरिता अपने बेटे के साथ

बताया जा रहा है की नेपाल सीमा पर स्थित बगहा के रामनगर राज दरबार में राजा और रानी के बीच का विवाद गहराता जा रहा है। तक़रीबन 40 वर्ष पूर्व रामनगर राजघराने के बड़े राजा संजय विक्रम शाह की शादी उतर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की राजकुमारी सरिता शाह के साथ हुई जिसके बाद राजा रानी के बीच 2 बेटे व 2 बेटियों ने जन्म लिया इसी बीच आपसी मतभेद औऱ नीजी संबंधों में आईं खटास के बाद सरिता शाह औऱ संजय विक्रम शाह की राहें जुदा हों गईं।

राजा संजय विक्रम शाह

उसी बीच सरिता रानी पर इधर उधर रहने समेत कई आरोप लगाकर संजय राजा ने दूसरी शादी क़र ली, क्योंकि सरिता शाह ने राजा संजय विक्रम शाह पर उनके साथ मारपीट क़र हवेली से बेदखल करने का आरोप लगाएं, बाद में संजय ने सरिता को कोर्ट के जरिये तलाक़ देने की अर्ज़ी लगाई, फ़िर मामला सक्षम न्यायालय में चला गया औऱ कोर्ट नें तत्काल तलाक़ पर रोक लगाकर सरिता शाह को मासिक खर्च देने के आदेश संजय विक्रम शाह को दिये लिहाजा रानी को उनका मेंटिनेन्स देते चले आ रहें राजा ने दोनों बेटों औऱ बेटियों की पढ़ाई लिखाई औऱ परवरीश के साथ शादी विवाह तक बाप होने का फ़र्ज़ बखूबी निभाया। संजय राजा की मानें तो इन सब के बीच सरिता शाह ने कभी मुड़कर भी नहीं देखा हालांकि 2017 में वो कुछ दिनों के लिए राजघराने में जरूर आईं औऱ जमींनें बेची यहां तक की कई खजानों की हेरा फेरी क़रती रहीं।इधर एक बार फ़िर रानी सरिता अपने हक-हकूक और संपत्ति की रक्षा करने का हवाला देकर राजघराने में स्थाई तौर पर रहने आईं हैं। दरअसल रामनगर राज में करीब 32 वर्ष पूर्व महारानी खुद बच्चों कों छोड़कर चली गईं थीं। जिसके बाद दो बेटे और दो बेटियों की परवरिश और शादी तक राजा ने अकेले किया। जब रानी नहीं लौटी तो उन्होंने दूसरी शादी कर ली। तब भी रानी को राजदरबार याद नहीं आया। लिहाजा राजा ने सक्षम न्यायालय में डायवोर्स का मामला दायर किया । जिसके बाद सक्षम न्यायालय के आदेशानुसार रानी को प्रतिमाह मेंटेनेंस खर्च देते आ रहें हैं। अब इतने वर्षों बाद रानी को अपना परिवार याद आ रहा है तो उन्हें किस अवस्था में यहां रहने दें, संजय राजा ने आगे कहा है की ये कुछ दबंगों के साथ मिलकर राज दरबार का कई एकड़ जमीन बेच चुकी हैं औऱ सम्पति पर इनकी टेढ़ी नज़र है। दूसरी तरफ रानी सरिता शाह का कहना है की मुझे पूर्व में राजा द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया जिस कारण मैं अपने मायके चली गईं थी। दुबारा जब 2017 में आई तो राजा और वर्तमान रानी के द्वारा मुझे नजरबंद कर दिया गया। लिहाजा मैं अपनी जान बचाकर भाग गई। अब पुनः पुलिस अभिरक्षा में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में राजदरबार स्थाई तौर पर रहने आई हूं क्योंकि यह मेरा घर है जहाँ मेरा हक है, मैं यहां की महारानी हूं। उधर बच्चे इतने लम्बे समय बाद माँ को अपने बीच पाकर बेहद ख़ुश हैं दूसरी ओर शारदीय नवरात्र में वनवास के बाद राज़महल वापसी पर रानी भी उत्साहित जरूर हैं। लेकिन राजा औऱ दूसरी रानी उन्हें यहां टिकने देने कों तैयार नहीं हैं क्योंकि उनकी नियत औऱ नीति सवालों के घेरे में है ज़ब वो राजघराने की सम्पति बेचने पर उतारूं हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की राजा रानी के रिश्ते में मिठास आती है या कड़वाहट के साथ फ़िर इनकी राहें जुदा होती हैं…!

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